अगर आप मोबाइल वॉलेट के तौर पर पेटीएम, फोनपे, ओला मनी, अमेजॉन पे जैसे ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserv Bank Of India) ने कस्टमर्स को बड़ी राहत दी है. दरअसल फुल केवाईसी करवाने की आखिरी तारीख नजदीक आने से पहले रिजर्व बैंक की तरफ से प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट की सौगात दी है जिससे महीने के 10,000 रुपये तक के रिटेल पेमेंट ट्रांजेक्शन के लिए फुल केवाईसी की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ सेल्फ डिक्लेयरेशन और मोबाइल ओटीपी देने पर वॉलेट की सर्विस जारी रहेगी.

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फिलहाल, मोबाइल वॉलेट कंपनियों के लिए महीने के 10,000 तक ट्रांजैक्शन के लिए KYC जरूरी है, लेकिन इस रकम के लिए फुल केवाईसी जरूरी नहीं है. लेकिन आरबीआई ने हाल में इस लिमिट वाले ट्रांजेक्शन में भी फुल केवाईसी जरूरी कर दिया था और इसकी डेडलाइन तय कर दी थी. आरबीआई की तरफ से मोबाइल वॉलेट कंपनियों के लिए कस्टमर की फुल केवाईसी के लिए डेडलाइन 31 मार्च 2020 थी. अगर ये नए नियम का पालन किया जाता तो करोड़ों मोबाइल वॉलेट अकाउंट बंद हो जाते. 

आरबीआई की तरफ से सिर्फ रिटेल भुगतान के लिए यह नई सुविधा दी गई है. खबर के मुताबिक, छोटे भुगतान को बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है. इस फैसले के बाद  पेटीएम, फोनपे, ओला मनी, अमेजन पे और दूसरी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को बड़ी राहत मिली है. बताया जा रहा है कि इन कंपनियों के लिए फिजिकल केवाईसी करना मुमकिन नहीं हो रहा था.

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मोबाइल वॉलेट कंपनियां पिछले कई दिनों से कस्टमर्स को लगातार उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर फुल केवाईसी कराने के लिए मैसेज भेज रही थी. इस मामले में कंपनियों के लिए फिलहाल बड़ी राहत भरी खबर है कि अब उन्हें इस काम से मुक्ति मिल जाएगी. मैसेज में कस्टमर्स से कहा जा रहा था डेडलाइन खत्म होने के बाद आप ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे.