सरकार की तरफ से हजारों की संख्या में लोगों और एमएसएमई लोन लेने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में यह जानकारी दी गई है कि छह महीने की लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान दो करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज की छूट दी जाएगी. IANS की खबर के मुताबिक, हलफनामे में इस बात का जिक्र किया गया है कि अब चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट की भार का वहन सरकार खुद करेगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्र सरकारी ने कहा कि संभावित सभी ऑप्शन पर अच्छी तरह विचार किए जाने के बाद सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की पंरपरा बनाए रखी है. इन दो करोड़ रुपये तक के लोन की कैटेगरी में एमएसएमई लोन, एजुकेशन लोन, हाउसिंग लोन, कंज्यूमर लोन, ऑटो लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, खपत, पर्सनल लोन और प्रोफेशनल लोन शामिल हैं, जिन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का फैसला लिया गया है.

केंद्र ने कहा कि जमाकर्ताओं पर वित्तीय बोझ और उनकी कुल नेट संपत्ति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना बैंकों के लिए चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट के बोझ का वहन किया जाना संभव नहीं होगा और ऐसा जनता के हित में भी नहीं होगा.

हलफनामे में कहा गया कि सरकार ने फैसला लिया है कि लोन मोरेटोरियम पीरियड में चक्रवृद्धि ब्याज की छूट पर राहत उधारकर्ताओं की सबसे कमजोर कैटेगरी तक सीमित होगी. विशेषज्ञों की एक समिति संग विचार-विमर्श करने के बाद केंद्र ने इस ओर अपना रुख बदला है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक ऐसा कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसका लोन 2 करोड़ रुपये से ऊपर है उसे कंपाउंड इंट्रस्टे में छूट की स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा. उन्हें अपने लोन पर पूरा ब्याज देना होगा.