Bank of India: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी है. यह कटौती सभी अवधि के की गई है. इससे लोन मिलना सस्ता होगा और ईएमआई (EMI) पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. बैंक ऑफ इंडिया ने एक साल से एक महीने तक की अवधि के लिए 0.25 प्रतिशत की कटौती की है, जबकि रातभर की अवधि के लिए 0.15 प्रतिशत की कटौती की है. एक साल के लिए बैंक का एमसीएलआर अब घटकर 7.95 प्रतिशत सलाना हो गया है. नई दर 1 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएगी. 

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नई कटौती के बाद अब एक साल के लिए मौजूदा 8.20 प्रतिशत एमसीएलआर की दर घटकर 7.95 प्रतिशत हो गई है. इसी तरह छह महीने के लिए मौजूदा 8.10 प्रतिशत की दर घटकर 7.85 प्रतिशत हो गई है. इसके अलावा 3 महीने कि लिए मौजूदा एमसीएलआर घटकर 7.80 प्रतिशत हो गई है. एक महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर की दर 7.40 प्रतिशत से घटकर 7.25 प्रतिशत हो गई है. रातभर की अवधि के लिए नई दर 7.25 प्रतिशत हो गई है.

इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (MCLR) और रेपो दर (Repo Rate) से जुड़े कर्ज लेने वालों के लिये दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी है. ताजा घोषणा के बाद एसबीआई का बाहरी मानक दर (EBR) 7.80 प्रतिशत से घटकर 7.05 प्रतिशत सालाना हो गई है. इसी तरह, रेपो से जुड़ी उधारी दर (RLLR) की दर भी 7.40 प्रतिशत से घटकर 6.65 प्रतिशत सालाना हो गई है. नई दरें 1 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएंगी.

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आरबीआई ने मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की बड़ी कटौती की घोषणा की है. आरबीआई ने बैंकों से इसका फायदा ग्राहकों को तुरंत देने का निर्देश जारी किया है. माना जा रहा है आने वाले दिनों में और भी कई बैंक अपनी बेंचमार्क दरों में कटौती करेंगे और इसका फायदा होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे लोन लेने वालों को मिलेगा.