Bank of India results: बैंक ऑफ इंडिया ने जून तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की. बैंक को इस तिमाही 720 करोड़ का लाभ हुआ. एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने 843.60 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. हालांकि मार्च की तिमाही से तुलना करने पर बैंक ने अपने शुद्ध लाभ में 250.19 करोड़ का इजाफा किया है.

बैंक का NPA गिरा

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एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की पहले क्वार्टर में बैंक की कुल इनकम 11,698.13 करोड़ रुपये थी. इससे पिछले साल समान अवधि में बैंक की कुल आय 11,941.52 करोड़ रुपये थी. 

इस तिमाही में बैंक के ग्रॉस NPA और नेट NPA में मामूली सुधार दिखा. बैंक का ग्रॉस NPA पिछले साल के 13.91 के मुकाबले मौजूदा तिमाही में 13.51% दर्ज किया गया. वहीं नेट NPA भी 3.58% के मुकाबले घटकर 3.35% रहा.

Bank of India ने इस तिमाही में बैड लोन्स के लिए प्रोविजन को बढ़ाकर 1,709.12 करोड़ रुपये कर दिया है. पिछले साल जून की तिमाही में यह 1,512.07 करोड़ रुपये था. बैंक का प्रोविजनिंग कवरेज रेश्यो 86.17% है.

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डिमांड में आई वापसी

बैंक ऑफ इंडिया के एमडी ए के दास (AK Das) के मुताबिक बैंक की कॉरपोरेट बुक क्लीन है, लेकिन रीटेल और MSME पर थोड़ा दबाव बना हुआ है. दास के मुताबिक MSME को सामान्य होने में थोड़ा वक्त लगेगा. 2021-22 की तीसरी तिमाही तक MSME की स्थिति सामान्य हो सकती है, क्योंकि बैंक के 60 फीसदी अकाउंट्स MSME से जुड़े हुए हैं.

दास का कहना है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) का रिटेल सेक्टर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. जुलाई के बाद से कलेक्शन में 93 फीसदी तक सुधार हुआ है. हालांकि हाउसिंग लोन और व्हीकल लोन में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल रही है. अभी आगे कॉरपोरेट सेक्टर में 7 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है, इसलिए बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन के 2.5 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है.

वीडियोकॉन को लेकर चिंता बरकरार

NCLT में रिजोल्यूशन से जुड़े सवाल पर बैंक के मैनेजमेंट का कहना है कि कुल 38000 हजार करोड़ रुपये के 294 अकाउंट NCLT के पास हैं. कुछ अकाउंट्स में बैंक को अच्छी पूंजी मिली है लेकिन वीडियोकॉन (Videocon) के अकाउंट में हेयरकट को लेकर बैंक चिंतित है.

वहीं  पूंजी की दिक्कत से परेशान और कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में बैंक ऑफ इंडिया का कोई लोन बकाया नहीं है और बैंक की अपनी लाइफ इंश्योरेंस सब्सिडियरी में हिस्सा बेचने की कोई योजना नहीं है.