वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बैंकिंग सेक्टर को लेकर बड़ी घोषणा की. आज की इस घोषणा के बाद अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर अब सिर्फ 12 रह जाएगी. कुल मिलाकर आज सीतारमण ने कहा कि सरकार 10 सरकारी बैंकों के मर्जर से 4 नए बैंक बनाएगी. इसके अलावा वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि किन बैंकों का मर्जर नहीं होगा. वित्त मंत्री ने बैंकों के इस मर्जर के फायदे भी गिनाए हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देश में सबसे पहले एसबीआई में उसके सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का विलय किया. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय किया. आज पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के मर्जर की घोषणा हुई. इससे यह 17.95 लाख करोड़ के व्यवसाय के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा. इसके अलावा यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का मर्जर होगा और केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का मर्जर होगा. 

बैंकों के मर्जर की समयसीमा को लेकर बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा कि इसकी तारीख बाद में तय की जाएगी. वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी जानकारी दी कि बैंकों के एनपीए में राहत मिली है. उन्होंने कहा कि एनपीए 8.65 लाख करोड़ से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये पर आ गई है.

बैंकों का बिजनेस साइज

बैंक             बिजनेस साइज (लाख करोड़ रुपये)
एसबीआई (मर्जर हो चुके बैंक सहित)   52.05 
पीएनबी+ओबीसी+युनाइटेड बैंक    17.95
केनरा बैंक+सिंडिकेट बैंक (मर्जर के बाद)    15.20
बैंक ऑफ बड़ौदा (मर्जर हो चुके बैंक सहित)   16.13
बैंक ऑफ इंडिया 9.3
इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक  8.08 
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 4.68 

इन बैंकों का मर्जर किसी के साथ नहीं होगा

पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र