सरकार रेलवे स्‍टेशनों (Railway stations) की तरह एयरपोर्ट के भी प्राइवेटाइजेशन पर विचार कर रही है. इस प्रस्‍ताव को कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी मिल सकती है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

6 एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन में शामिल हैं-अमृतसर (Amritsar airport), इंदौर (Indore airport), रांची (Ranchi airport), त्रिची (Trichi airport), भुवनेश्वर (Bhuwaneshwar Airport) और रायपुर एयरपोर्ट (Raipur Airport). 

सूत्रों के मुताबिक सरकार 15 अगस्त से पहले, 6 एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन को मजूरी देना चाहती है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बिडिंग प्रक्रिया की इसी साल शुरुआत होगी. एयरपोर्ट अथॉरिटी के 12 एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला लिया गया था. 

इसके तहत पहले चरण में 6 एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला पहले ही लिया जा चुका है- अहम्बदबाद, मंगलुरु, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और जयपुर. 

इन सभी एयरपोर्ट को बिडिंग प्रक्रिया के बाद अडानी ग्रुप ने सबसे ऊंची बोली लगाकर हासिल भी कर लिया है.

PMO ने विनिवेश और प्राइवेटाइजेशन प्रक्रिया का सूरतेहाल जानने के लिए मई 2020 में मीटिंग की थी. उस समय आदेश दिया था कि 6 एयरपोर्ट को प्राइवेट हाथों में देने का काम 15 अगस्‍त हो जाना चाहिए. एविएशन मिनिस्‍ट्री ने भी अपना प्रस्‍ताव कैबिनेट के पास भेज दिया है. अब कैबिनेट को इसे मंजूरी देनी है.

Zee Business Live TV

कोयला, खनिज,रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, हवाई अड्डे, विद्युत वितरण, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा जैसे 8 सेक्टर को लेकर सरकार का कहना है कि निजीकरण के अलावा इसका कोई विकल्प नहीं है.