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Air India की वो कहानी, जो शायद ही पढ़ी हो- मैदान था रनवे, मिट्टी का मकान था ऑफिस- और नाम 'टाटा एयरलाइंस'

Air India अब टाटा की हो गई. 68 साल बाद घर वापसी हुई. टाटा ने भी बाहें फैला कर स्वागत किया. सरकार ने अपनी पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी टाटा संस (Tata Sons) को बेच दी है. टाटा इस डील में कुल 18000 करोड़ रुपए खर्च करेगी. एक हिस्से से कर्ज चुकाएगी और दूसरा सरकार की हिस्सेदारी (Govt stake in Air India) का पेमेंट होगा. कुल मिलाकर एयर इंडिया अब टाटा ग्रुप (Tata Group) की होगी. मालिक वही पुराना, लेकिन अंदाज अब नया होगा. कम लोग जानते होंगे एयर इंडिया (Air India) की शुरुआत टाटा ग्रुप ने ही की थी और उस वक्त इसका नाम टाटा एयरलाइंस (Tata Airlines) हुआ करता था.
Updated on: October 08, 2021, 05.41 PM IST
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ऐसे शुरू हुई टाटा एयरलाइंस

Air India के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी. Air India की स्थापना उद्योगपति JRD Tata ने की थी. उस वक्त नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था. जेआरडी टाटा ने महज 15 की उम्र में साल 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर हवाई जहाज उड़ाया था, लेकिन शौक जुनून बन गया और जेआरडी टाटा ने अपना पायलट का लाइसेंस ले लिया. 

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25 किलो चिट्ठियों वाला पहला प्लेन

एयरलाइन की पहली व्यावसायिक उड़ान 15 अक्टूबर को भरी गई थी. तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला 'हैवीलैंड पस मोथ' हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था. जानकर हैरानी होगी कि प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठ‍ियां थीं. 

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1933 में पहली बार यात्रियों को कराया सफर

चिट्ठियों को लंदन से 'इम्पीरियल एयरवेज' से कराची लाया गया था. Imperial Airways ब्रिटेन का राजसी विमान वाहक था. इसके बाद साल 1933 में Tata Airlines ने यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी. Tata ने दो लाख रुपए की लागत से कंपनी स्थापित की थी और 155 यात्रियों और करीब 11 टन चिट्ठियां भी ढोई. 

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मैदान बना 'रनवे', मिट्टी के मकान में ऑफिस

Air India (उस वक्त टाटा एयरलाइंस) ने इसके बाद लगातार चिट्ठियां पहुंचाने का काम किया. पूरी तरह भारतीय एयरलाइन होने के नाते उस वक्त की अंग्रेजी हुकूमत ने एयरलाइंस को कोई आर्थिक मदद भी नहीं की. एयरलाइन से चिट्ठियां ले जाने के लिए टाटा को हर चिट्ठी पर सिर्फ चार आने मिलते थे. टाटा एयरलाइंस के लिए मुंबई के जुहू में ऑफिस बनाया गया. लेकिन, ये ऑफिस मिट्टी के मकान में था. प्लेन को उड़ाने के लिए 'रनवे' का इस्तेमाल पास के ही एक मैदान का होता था. 

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टाटा एयरलाइंस से एयर इंडिया तक

दूसरे विश्व युद्ध के बाद इंडिया से सामान्य फ्लाइट्स शुरू की गईं और तब इसका नाम Air India रखा गया. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बनाया गया. साल 1947 में आजादी के बाद एक नेशनल एयरलाइंस की जरूरत थी. भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बनी.

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क्या है एयर इंडिया की पहचान

एयर इंडिया का लोगो (Air India logo) लाल रंग का उड़ता हुआ हंस है. इसमें नारंगी में कोणार्क चक्र है. प्लेन के पिछले हिस्से पर लोगो को जगह दी जाती है. कंपनी का शुभंकर 'महाराजा' पहली बार 1946 में दिखा था. यह एयरलाइन की खास पहचान रहा है.