देश के द्वीपों की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ‘उड़ान 4.0’ स्‍कीम के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप में बिना हवाई सेवाओं वाले 3 एयरपोर्ट / हवाई पट्टियों बनाने का ऐलान किया है. इसी तरह लक्षद्वीप में कम हवाई सेवाओं वाले 1 एयरपोर्ट या हवाई पट्टी के लिए भी टेंडर निकाले गए हैं.
 
सरकार कनेक्टिविटी सुधारने का कर रही है प्रयास
मंत्रालय ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप में 4 वाटर एयरोड्रोम स्‍थलों और लक्षद्वीप में 2 वाटर एयरोड्रोम स्‍थलों की भी पहचान भी कर ली है. जल्द ही इसके लिए भी टेंडर निकाले जाएंगे. इस क्षेत्र को हवाई कनेक्टिविटी देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
 
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
मोदी सरकार के इस कदम से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी. ‘उड़ान 4.0’ स्‍कीम के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय एयरलाइनों को लगभग 25 प्रतिशत का अतिरिक्‍त VGF (वायबिलिटी गैप फंडिंग या कम पड़ रही राशि का इंतजाम) दे रहा है.
 
 
उड़ान 4.0’ स्‍कीम के तहत इन एयरपोर्ट के लिए निकाले गए टेंडर
 
    बोली लगाने के लिए बिना हवाई सेवाओं वाले एयरपोर्ट/हवाई पट्टियों की सूची:
 
  •         कैंपबेल की खाड़ी – अंडमान और निकोबार (केन्‍द्र शासित प्रदेश)
  •         कार निकोबार - अंडमान और निकोबार (केन्‍द्र शासित प्रदेश)
  •         शिबपुर - अंडमान और निकोबार (केन्‍द्र शासित प्रदेश)
   
 
 
बोली लगाने के लिए कम हवाई सेवाओं वाले एयरपोर्ट/हवाई पट्टियों की सूची:
  •         अगत्ती- लक्षद्वीप
    बोली लगाने के लिए वाटर एयरोड्रोम की सूची:
  •         हटबे - अंडमान और निकोबार - बिना हवाई सेवाओं वाले
  •         लॉन्‍ग आईलैंड - अंडमान और निकोबार – कम हवाई सेवाओं वाले
  •         नील आईलैंड - अंडमान और निकोबार - कम हवाई सेवाओं वाले
  •         हैवलॉक - अंडमान और निकोबार - कम हवाई सेवाओं वाले
  •         मिनीकॉय – लक्षद्वीप –बिना हवाई सेवाओं वाले
  •         कावारत्ती - लक्षद्वीप - बिना हवाई सेवाओं वाले