ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) बनने का काम अब शुरू हो जाएगा. उत्तर प्रदेश के इस चर्चित एयरपोर्ट का डिजाइन (Airport Design) तैयार हो गया है. इसकी पहली झलक भी सबके सामने आ गई है. इस एयरपोर्ट को जर्मन कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल AG (Zurich International Airport) बना रही है. कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) के साथ कंसेशन एग्रीमेंट (Concession Agreement) साइन किया है. ग्रेटर नोएडा स्थित जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम तेजी से शुरू होगा.

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40 वर्ष का कंसेशन पीरियड

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डिजाइन, निर्माण और ऑपरेशन (Jewar Airport operations) की जिम्मेदारी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को मिली है. इस कंशेसन एग्रीमेंट के जरिए अब उन्हें औपचारिक रूप से काम शुरू करने की अनुमति मिली है. इस कंपनी का कंसेशन पीरियड 40 वर्ष का तय किया गया है. सरकारी निजी भागीदारी (PPP) फार्मूले पर विकसित हो रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण को वर्ष 2024 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम करीब-करीब पूरा कर लिया गया है.

डिजिटली ऑपरेट होगा एयरपोर्ट

देश के नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (Greenfield Airport) के रूप में विकसित हो रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कई मायनों में अनूठा होगा. यह पूरी तरह से डिजिटल तरीके (Digitally operated Airport) से ऑपरेट किया जाएगा. यात्रियों, एयरलाइंस और पार्टनर्स को बेहतरीन सुविधाएं मिलेंगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपनी श्रेणी में पहला नेट जीरो एमिशन एयरपोर्ट होगा, जो एविएशन के लिए नए स्टैंडर्ड तय करेगा.

वर्ष 2024 में पूरा होगा पहला चरण

जर्मन कंपनी के मुताबिक, साल 2024 में एयरपोर्ट के पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद इस हवाई अड्डे पर हर साल 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता हो जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के साथ साझेदारी में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल इस एयरपोर्ट को इंडियन एयर ट्रांसपोर्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाएगा. यात्रियों और लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स के लिए आसान इस्तेमाल की भी व्यवस्था होगी.

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