उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को जेवर हवाईअड्डे के लिये प्रस्तावित बोली दस्तावेज और परियोजना से विस्थापित होने वाले परिवारों के पुनर्स्थापन और पुनर्वास के लिये 894 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. गौतम बुद्ध नगर में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया 2018 की अंतिम तिमाही में गति पकड़ी लेकिन लोकसभा चुनावों के कारण पाबंदी की वजह से काम रूक गया था. यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दूसरा हवाईअड्डा होगा.

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निवर्तमान नागरिक उड्डयन मंत्री महेश शर्मा ने ट्वीट करके बताया, 'जेवर हवाई अड्डे के लिए 30 मई को ग्लोबल टेंडरिंग को उप्र कैबिनेट की मंजूरी, साथ ही पुनर्वास एवं अवस्थापना के लिए 894 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली. माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी एवं पूरी यूपी कैबिनेट को धन्यवाद.'

 

उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'मंत्रिमंडल ने गौतबबुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल ने बोली दस्तावेज और छूट समझौते के मसौदे को मंजूरी दे दी.' मंत्रिमंडल ने परियोजना निगरानी और क्रियान्वयन समिति (पीएमआईसी) द्वारा प्रस्तावित समयसीमा के तहत नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. के लिये वैश्विक निविदा प्रक्रिया पर भी सहमति जताई.

बयान में कहा गया है, 'मंत्रिमंडल ने परियोजना से विस्थापित होने वाले परिवारों के पुनर्स्थापन और पुनर्वास के लिये 894 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. साथ ही परियोजना के लिये पहले से मंजूर 275 करोड़ रुपये के कोष को लेकर प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दे दी.' इसमें कहा गया है कि जरूरत के अनुसार परियोजना से जुड़े निर्णय के लिये मंत्रिमंडल ने योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया है.