Jet Airways Share price: जेट एयरवेज जमीं पर आ चुकी है. पिछले साल से सेवाएं बंद हैं. उड़ानें एयरपोर्ट टर्मिनल पर हैं. जेट एयरवेज दोबारा कब उड़ान भरेगी, इसका अंदाजा अभी किसी को नहीं है. लेकिन, जेट एयरवेज रिवाइवल प्लान से शेयरों को पंख लग गए हैं. जेट एयरवेज के शेयर हवाई उड़ान भर रहे हैं. जेट एयरवेज के शेयर ने सोमवार को भी 5 फीसदी का अपर सर्किट लगाया. यह लगातार 8वां कारोबारी दिन था, जब जेट एयरवेज के शेयरों ने अपर सर्किट लगाया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मार्च 2020 से 262 फीसदी का रिटर्न

पिछले साल अप्रैल से बंद होने के बाद जेट एयरवेज का शेयर 13 रुपए के भाव पर पहुंच गया था. पिछले साल से शेयर अपने लो पर ट्रेड कर रहा है. लेकिन, 26 मार्च के बाद से अबतक इसमें करीब 262 फीसदी तेजी आ चुकी है. सोमवार को खत्म कारोबारी दिन में शेयर का भाव 47 रुपए पहुंच गया. लगातार 8वें दिन शेयरों में अपर सर्किट लगा है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें हैं कि जेट एयरवेज के लेंडर्स ने इसके रिवाइवल प्लान को मंजूरी दे दी है. रिवाइवल प्लान से उम्मीद है कि जेट एयरवेज एक बार फिर उड़ान भर सकेगी. 

1000 करोड़ वर्किंग कैपिटल

रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी के नए ओनर ने जेट एयरवेज के रिवाइवल के लिए इसमें 1000 करोड़ रुपए वर्किंग कैपिटल डाले जाने का प्लान सौंपा है. वहीं, अगले 5 साल में क्रेडिटर्स को 1000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. असल ब्रिटेन की कालरॉक कैपिटल और संयुक्त अरब अमीरात के उद्यमी मुरारी लाल जालान वाली कंसोर्टियम जेट एयरवेज की नई मालिक बनी है. जेट एयरवेज को कर्ज देने वाली क्रेडिटर्स कमेटी ने इसके लिए मंजूरी दे दी है.

निवेशकों का बढ़ रहा है भरोसा

खबरें हैं कि जेट एयरवेज को दोबारा रनवे पर लाने की तैयारी काफी दिन पहले ही शुरू हो गई थी. जून तक इसके रिवाइवल का प्लान भी तैयार किया जा चुका था. साथ ही क्रेडिटर्स कमेटी को रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी थी. 17 अक्टूबर को ई-वोटिंग के जरिए मुरारीलाल जालान और फ्लोरिएन फ्रिट्श का रेज्योलूशन प्लान भी मंजूर कर लिया गया. जेट के लिए इतने पॉजिटिव सेंटीमेंट्स को देखरक निवेशकों का भी भरोसा जाग रहा है. बता दें, जेट एयरवेज की स्थापना नरेश गोयल ने की थी. लेकिन फंड्स की गंभीर समस्या के कारण जेट एयरवेज को बंद करना पड़ा था.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें

पिछले साल अप्रैल से बंद हैं सभी सर्विसेज

एयरलाइंस में सभी तरह की सेवाएं देने वाली जेट एयरवेज की सभी सर्विसेज पिछले साल अप्रैल से ठप हैं. फंड्स की समस्या के चलते इसके प्रोमोटर्स ने सभी सेवाओं को बंद कर दिया था. जून 2019 में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (Bankruptcy resolution) में चली गई थी. बैंकरप्सी रेजोल्यूशन के तहत जेट एयरवेज का घाटा मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में और बढ़कर 5,535.75 करोड़ रुपए हो गया. कंपनी का खर्च बढ़ने से उसका घाटा बढ़ा है. वहीं, इससे पिछले साल कंपनी ने 23,958.37 करोड़ रुपए का कारोबार किया. जेट के पास कुल 120 विमानों का सबसे बड़ा बेड़ा था, लेकिन अब सिर्फ 16 विमान मौजूद हैं.