संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने बैंकों को कर्ज की मूल किस्त और ब्याज का भुगतान करने में चूक की है. कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा, "भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम (बैंकों का समूह) को ब्याज और मूल किस्त देने में देरी हुई है. इसका भुगतान 31 दिसंबर 2018 को होना था. नकदी प्रवाह में अस्थायी गड़बड़ी के चलते यह देरी हुई." जेट एयरवेज ने कहा कि इस संबंध में बैंकों के साथ बातचीत हुई है. उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट से जूझ रही है और कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है.

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वित्तीय संकट से जूझ रही है कंपनी

वित्तीय संकट से जूझ रही विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज अगले खर्च घटाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. खबरों के अनुसार विमानन कंपनी अपनी लागत में कटौती करने के लिए घरेलू मार्गों पर चल रही इकोनॉमी क्लास की उड़ानों में कांप्लीमेंटरी (मुफ्त) तौर पर मिलने वाला खाना बंद करेगी. पिछले दिनों कंपनी की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि इकोनामी क्लास में पहले से मौजूद ‘‘फ्लेक्स’, ‘‘लाइट’ और ‘‘डील’ के साथ 07 जनवरी 2018 या उसके बाद की उड़ानों के लिए ‘‘सेवर’ और ‘‘क्लासिक’ श्रेणी भी शुरू की जा रही है. इनमें सिर्फ ‘‘फ्लेक्स’ श्रेणी में टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को ही उड़ान के दौरान ‘‘कॉम्प्लिमेंटरी’ खाना मिलेगा. अन्य यात्रियों को खाने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना होगा.

 

कंपनी की उड़ानों पर भी पड़ा है असर

विमानन कंपनी जेट ऐयरवेज को अपनी 14 उड़ानों को पिछले दिनों रद्द करना पड़ा. विमानन कंपनी के कई पायलटों ने बीमारी का कारण बता कर छुट्टी ले ली. कंपनी की ओर से कई पायलटों के वेतन व भत्ते बाकी थे. माना जा रहा था कि पायलटों ने इसी के चलते छुट्टी ले ली. दरअसल जेट एयरवेज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. कंपनी पिछले तीन तिमाही से घाटा झेल रही है. ऐसे में कंपनी अपने पायलटों व सीनियर मैनेजमेंट को अगस्त से समय पर वेतन व अन्य भत्ते नहीं दे पा रही है.