देश की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज के लिए एक के बाद एक बुरी खबर आ रही हैं. लेकिन, फिर भी उम्मीद है कि उसके विमानों को एक बार फिर पंख लगेंगे. सूत्रों की मानें तो अगले दो-तीन हफ्तों में जेट एयरवेज को उड़ाने भरने की अनुमति मिल जाए. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जेट की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कहीं से फंड मिले. इसके अलावा, जेट को रिवाइवल प्लान भी सौंपना है. ऐसे में उम्मीद के रास्ते तो बहुत हैं, लेकिन सवाल ये है कि वक्त रहते जेट एयरवेज को कौन बचाएगा?

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दोस्त से मदद की उम्मीद

जेट एयरवेज को अपने सबसे पुराने दोस्त से ही उम्मीद बची है. एतिहाद एयरवेज लंबे समय से कंपनी के साथी हिस्सेदारी में फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती रही है. एतिहाद ने बोली प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया है. इसके अलावा जेट में ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने पर भी एतिहाद को ही फायदा है. उसका स्वामित्व कंपनी पर होगा. हालांकि, अन्य तीन कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हैं. इनमें राष्ट्रीय निवेश कोष एनआईआईएफ, निजी क्षेत्र के टीपीजी और इंडिगो हैं. अगर इनमें से कोई भी कंपनी हिस्सेदारी खरीदती है, तो जेट एयरवेज फिर से उड़ान भर सकेगी. 

NCLT जा सकती है जेट एयरवेज

बैंकों के कंसोर्शियम की अगुवाई कर रहे एसबीआई कैप ने जेट एयरवेज में 75 फीसदी तक हिस्सेदारी बिक्री के लिए रखी है. इसके लिए 8 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच बोली मंगाई थी. अब अगर कोई कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद पाती तो जेट एयरवेज को NCLT में जाना होगा. यहां दो विकल्प होंगे, पहला रिवाइवल प्लान सौंप दे और दूसरा अगर कंपनी प्लान नहीं सौंप  सकती तो नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी. 

इस वजह से बंद हुई उड़ानें

बैंकों के कंसोर्शियम की तरफ से इमरजेंसी फंड के रूप में 400 करोड़ रुपए नहीं मिल पाने के चलते जेट एयरवेज को अस्थाई तौर पर ऑपरेशन बंद करने पड़े. अभी तक कंपनी को कर्जदारों और अन्य किसी भी तरीके से इमरजेंसी फंड नहीं मिला है. ऐसे में कंपनी को चलाने कि लिए पैसा खत्म हो चुका है. कंपनी ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पा रही है. इस वजह से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए मजबूर है.

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ग्राहक क्या करेंगे

जेट एयरवेज की उड़ान बंद होने के बाद ग्राहकों की टेंशन बढ़ गई है. इस माहौल में डीजीसीए ने अन्य एविएशन कंपनियों को तुरंत प्रभाव से उड़ानों के फेरे बढ़ाने को कहा है. साथ ही, कंपनियों को ज्यादा फ्लाइट्स चलाने को भी कहा गया है. इसके अलावा जिन ग्राहकों ने जेट एयरवेज के विमान का टिकट कराया है, उन्‍हें एयरलाइन की ओर से जल्‍द ही रिफंड किया जाएगा. इस बीच जेट एयरवेज संकट पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि वह जेट के समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियमों के दायरे में रहते हुए समर्थन करेगा.