आर्थिक संकट से जूझ रही घरेलू विमानन कंपनी जेट ऐयरवेज की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. शनिवार शाम को कंपनी के कर्मचारियों ने मानव श्रंखला बना कर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGI) के टर्मिनल 3 के बाहर प्रदर्शन किया. इस मौके पर कर्मचारियों ने मांग की कि उन्हें तुरंत उनका बकाया वेतन दिया जाए. साथ ही उनके भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए. जेट एयरवेज के पायलटों के साथ इंजीनियर तथा वरिष्ठ कर्मियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है.

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भविष्य को ले कर चिंतित दिखे कर्मी

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों के हाथ में पोस्टर व बैनर थे जिन पर लिखा था कि जेट एयरवेज बचाओ, हमारा भविष्य बचाओ. इससे पहले शुक्रवार को मुंबई में जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने बकाए वेतन की मांग को लेकर शांतिपूर्ण मार्च निकाला था.

पायलटों ने भेजा कानूनी नोटिस

गौरतलब है कि जेट एयरवेज के घरेलू पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (NAG) ने मंगलवार को एयरलाइन को नोटिस भेजा है. पायलटों ने नोटिस भेज कर बकाया वेतन दिए जाने के लिए प्रबंधन को 14 अप्रैल तक का समय दिया है. पिछले सप्ताह कंपनी के मालिकाना हक में बदलाव हुआ. कंपनी की अधिकांश हिस्सेदारी बैंकों के समूह के पास आ गई. पायलटों व इंजीनियर्स के अलावा विमानन कंपनी ने अन्य कर्मचारियों को भी मार्च का वेतन अब तक नहीं दिया है.

पीएमओ में भी हुई चर्चा

प्रधानमंत्री कार्यालय ने जेट एयरवेज की स्थिति पर चर्चा करने के लिये आवश्यक बैठक बुलाई थी. खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. सरकार की सबसे पहली चिंता जेट एयरवेज के बंद होने से बड़ी संख्या में लोगों के बेरोजगार होने को लेकर है. इसके साथ ही भारतीय विमानन क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी के बंद होने के चलते हवाई यात्रा महंगी होने की आशंका भी है.

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लगातार बिगड़ रही है कंपनी की हालत

शनिवार को विमानन कंपनी के केवल छह से सात विमानों ने उड़ान भरी. हालात ठीक होने पर एयरलाइन एक दिन में 119 विमानों तक परिचालन करती थी. कंपनी ने गुरुवार को पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए अपनी सेवाएं दीं. जेट ऐयरवेज की ओर से सोमवार तक अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को निलंबित कर दिया गया है.