जेट एयरवेज के ऑपरेशन सस्पेंड हो चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बाद देशभर के रूट्स पर भी विमान अब उड़ान नहीं भर रहे हैं. जेट एयरवेज का बंद होना कई कारणों से बड़ा माना जा रहा है. जेट एयरवेज के कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष किरण पावसकर ने कहा है कि ऑपरेशन सस्पेंड होने से जेट एयरवेज के कर्मचारियों पर महासंकट आ गया है.

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16 हजार कर्मचारी बेरोजगार

किरण के मुताबिक, एयरलाइन बंद होने से कंपनी के 16 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. उनके पास कोई विकल्प नहीं है. पावसकर ने कहा कि कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में कहा गया है कि 16 हजार कर्मचारी बिना काम के बैठे हैं और नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है.

ठोस रिवाइवल प्लान मांगा

जेट एयरवेज और उसके कर्मचारियों के संकट को देखते हुए DGCA ने कंपनी की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. DGCA ने जेट एयरवेज से ठोस रिवाइवल प्लान मांगा है. डीजीसीए सस्पेंड ऑपरेशन को शुरू करने में मदद करने को तैयार है. लेकिन, तय नियम-कानून के मुताबिक ही वह कंपनी की मदद कर सकता है. डीजीसीए ने कहा है कि दायरे में रहकर ही जेट एयरवेज की मदद की जाएगी.

जेट एयरवेज के पास आखिरी विकल्प

जेट एयरवेज के पास अब आखिरी विकल्प रिवाइवल प्लान ही है. क्योंकि, बैंकों से लेकर कंपनी के पूर्व प्रोमोटर्स तक बोली प्रक्रिया से अपना हाथ खींच चुके हैं. हालांकि, 16 अप्रैल तक कंपनी के पास हिस्सेदारी खरीदने के लिए जो EOI आए हैं उन पर विचार किया जा सकता है. कर्जदारों को उम्मीद है कि नीलामी प्रक्रिया सफल रह सकती है और उन्हें पारदर्शी तरीके से बेहतर वैल्यू मिलने की भी उम्मीद है.

दूसरी एयरलाइंस ने बढ़ाया किराया

सूत्रों के मुताबिक जेट एयरवेज के बंद होने से बाकी एयरलाइंस के किराए में करीब 20% से 30% तक बढ़ोतरी हुई है. हालात से निपटने के लिए इंडिगो अपने बेड़े में 18 और विमानों को जोड़ रहा है. ये विमान मुख्य रूप से दिल्ली-मुंबई स्लॉट के लिए होंगे. वहीं, स्पाइसजेट ने भी दिल्ली-मुंबई के लिए 25 नई उड़ानें शुरू करने का ऐलान किया है. लेकिन, इससे पहले मुंबई-दिल्ली का किराया 23000 रुपए तक पहुंच गया है.

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क्या है किराया बढ़ने का कारण

जेट एयरवेज के बंद होने के साथ ही कुछ दिन पहले बोइंग 737 विमान की उड़ान पर रोक लगने से उपलब्ध सीटों की संख्या में काफी कमी आई है. यही वजह है कि एयरलाइंस को मजबूरन किराया महंगा करना पड़ा है. इसके अलावा गर्मियों की छुट्टी शुरू होने के चलते इस समय टिकट की मांग भी अधिक रहती है. सूत्रों की मानें तो अगर जेट एयरवेज का संकट जल्द दूर नहीं होता तो आने वाले दिनों में संकट और बढ़ने के आसार हैं.