केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत में फंसे उन लोगों की आवाजाही के लिए भी एक प्रोटोकॉल (SOP) जारी किया है जो जरूरी कारणों से विदेश जाना चाहते हैं. ये प्रोटोकॉल जमीनी सीमाओं के जरिए आने वाले यात्रियों पर भी लागू होंगा. इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए ये प्रोटोकॉल लागू होगा.

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कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए देश भर में किए गए लॉकडाउन के चलते यात्रियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर पाबंदी लगा दी गई है. खबरों के मुताबिक ऐसे कई भारतीय नागरिक हैं जो रोजगार, पढ़ाई, पर्यटक या कारोबार के सिलसिले में विदेश गए और वहां फंस गए. लंबे समय तक विदेश में रहने के कारण वे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और तुरंत भारत लौटना चाहते हैं. विदेशों में रह रहे बहुत से भारतीय मेडिकल कारणों से या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण भारत आना चाहते हैं. इनको ध्यान में रखते हुए सरकार ने विदेश यात्रा के लिए खास गाइडलाइन तैयार की है.

विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को यात्रा के लिए, ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो भारी संकट से जूझने के कारण वापस अपने देश आने के लिए मजबूर हों. विदेश में फंसे जिन लोगों को प्राथमिक्ता दी जाएगी उनमें प्रमुख रूप से प्रवासी कामगार जिनकी नौकरी चली गई है, ऐसे लोग जिनके वीजा की समय सीमा समाप्ति हो गई है, अल्पकालिक वीजा धारक, मेडिकल इमरजेंसी, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण भारत लौटने के इच्‍छुक लोग, और छात्र शामिल हैं.

इस तरह के व्यक्तियों को उस देश में स्थित भारतीय मिशन में विदेश मंत्रालय की ओर से मांगी गई जरूरी जानकारी के साथ खुद को रजिस्टर करना होगा जहां वे फंसे हुए हैं. ये लोग नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अनुमति के अनुसार कॉमर्शियल उड़ानों और सैन्य कार्य विभाग (डीएमए) और शिपिंग मंत्रालय की अनुमति के साथ जहाज से भारत की यात्रा करेंगे. यात्रा का खर्च यात्रियों को ही उठाना होगा. इसके अलावा, केवल उन्‍हीं लोगों को भारत की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी जिनमें कोविड बीमारी का कोई भी लक्षण नहीं है.

विदेश से आने वाले सभी यात्रियों का डेटाबेस तैयार होगा जिसे राज्यों को भी दिया जाएगा. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ‘क्‍वारंटाइन व्यवस्था सहित अंतर्राष्ट्रीय आगमन से जुड़े दिशा-निर्देश’ भी जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी यात्रियों को विमान या जहाज पर सवार होने से पहले 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्‍वारंटाइन का वचन देना होगा.

भारत में फंसे ऐसे लोगों के लिए, जो विदेश यात्रा करने के इच्छुक हैं, उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रोटोकॉल के तहत आवश्यक जानकारी के साथ अप्लाई करना होगा. भारत से इनकी यात्रा वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए होगी. यात्रा का खर्च यात्रियों को ही  उठाना होगा.

उन लोगों को यात्रा की अनुमति होगी जिनके पास उस देश का कम से कम एक वर्ष की अवधि वाला वीजा है, ग्रीन कार्ड या ओसीआई कार्ड धारक हैं. चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति या परिवार में किसी की मृत्यु होने की स्थिति में छह माह का वीजा रखने वाले भारतीय नागरिकों को भी अनुमति दी जा सकती है. ऐसे व्यक्तियों के टिकट के कन्फर्म होने से पहले ही एमओसीए यह सुनिश्चित करेगा कि गंतव्य देश अपने यहां ऐसे व्यक्तियों के प्रवेश की अनुमति देगा.

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को करना होगा इन नियमों का पालन

  • विदेश से आए यात्रियों को फ्लाइट में जाने के पहले कम से कम 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा.  
  • सभी के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा.  
  • यात्रियों को क्या करना है क्या नहीं करना है इसकी जानकारी टिकट पर दी जाएगी.  
  • यात्रियों को देश के बाहर जाने या आने के समय सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भर कर देना होगा.  
  • देश से बाहर जाने या वापस आते समय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी.  साथ ही एयरपोर्ट पर मेडिकल ऑफीसर यात्री की स्क्रीनिंग करेगा.  
  • अगर किसी यात्री में कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उसे तुरंत क्वारंटाइन किया जाएगा.