केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने की योजना तैयार की है, जिसमें एक वित्तीय पैकेज के साथ ही कंपनी के गैर-प्रमुख अचल संपत्तियों की बिक्री शामिल है. नागरिक विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, "सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने की योजना तैयार की है, जो एक प्रतिस्पर्धी और लाभदायक समूह बनाने पर केंद्रित है."

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मंत्री के अनुसार, इस योजना में कई प्रमुख तत्व शामिल हैं जैसे कि एक व्यापक वित्तीय पैकेज जिसमें गैर-प्रमुख कर्जे और परिसंपत्तियां एक एसपीवी (स्पेशल पर्पज वेहिकल) को स्थानांतरित करना और सहायक कंपनियों का रणनीतिक विनिवेश शामिल है. इस योजना में एयरलाइन द्वारा अपने प्रबंधन को मजबूत करने और एयरलाइन के मुख्य व्यवसायों में से प्रत्येक के लिए अलग-अलग व्यापार रणनीतियों को अपनाकर परिचालन दक्षता का उच्च स्तर हासिल करने पर जोर दिया गया है. 

लोकसभा में दिया विनिवेश को लेकर जवाब

लोकसभा में एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, "सरकार एयर इंडिया (एआई) के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में, एआईएसएएम (एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र) ने सहायक कंपनियों के विनिवेश को अलग से तय करने का निर्देश दिया है." उन्होंने कहा, "इसके अलावा, एआईएसएएम ने एआई की सहायक कंपनियों की बिक्री के लिए मंजूरी दे दी है और एआईएटीएसएल की बिक्री में तेजी लाने का निर्देश दिया है."

दोबारा तैयार हो रही है योजना

सरकार द्वारा एयर इंडिया की बहुसंख्यक हिस्सेदारी बेचने की योजना असफल हो जाने अब एयर इंडिया को उबारने की योजना बनाई जा रही है. एयर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 31 मई 2018 तक कोई भी सामने नहीं आया था. केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर 2018 को वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया के खाते में 2,345 करोड़ रुपये डालने के लिए संसद की अनुमति मांगी थी. 

(इनपुट-आईएएनएस)