देश की राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में मंगलवार को भी घने कोहरे का साया बना रहा है. खराब मौसम को देखते हुए हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित रहा. कोहरे के चलते पिछले तीन दिनों में करीब 2000 से ज्यादा फ्लाइट्स के ऊपर असर पड़ा है और करीब 300 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं. फ्लाइट्स के ऑपरेशन के प्रभावित होने के चलते पैसेंजर्स को होने वाली परेशानी पर एक्शन लेते हुए एविएशन मिनिस्ट्री ने सोमवार को देर रात तक बैठक की और कुछ और कदमों की घोषणा की. इसके पहले सोमवार को ही मिनिस्ट्री ने दिल्ली एयरपोर्ट और एयरलाइंस के लिए कुछ सुझाव जारी किए थे. 

6 मेट्रो एयरपोर्ट्स से मंगाया डेली रिपोर्ट

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एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि कोहरे से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए, यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए कल सभी एयरलाइनों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई हैं. इसके अलावा मंत्रालय ने सभी 6 मेट्रो एयरपोर्ट्स को हर दिन तीन बार रिपोर्ट देने को कहा है. उन्होंने कहा कि DGCA ने गाइडलाइंस और SOP जारी किया है, उसकी भी निगरानी की जाएगी. 

 

उन्होंने कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर आरडब्ल्यूवाई (रनवे) 29एल सीएटी तीन को मंगलवार से चालू कर दिया गया है. द‍िल्ली एयरपोर्ट पर आरडब्‍ल्‍यूवाई 29L को आज सीएटी तीन चालू कर दिया गया है. री-कार्पेटिंग के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर सीएटी तीन के रूप में आरडब्‍ल्‍यूवाई 10/28 का संचालन भी किया जाएगा.

एयरपोर्ट पर बनाए गए वॉर रूम

सिंधिया ने कहा कि पैसेंजर्स को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए 6 मेट्रो एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट और एयरलाइन ऑपरेटर द्वारा वॉर रूम बनाने को कहा गया है और इसके अलावा CISF भी हर वक्त एयरपोर्ट पर मुस्तैद रहेंगे.

DGCA के डायरेक्टर AED अमित गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि एयरलाइन्स कंपनियों को फ्लाइट्स में देरी होने की परिस्थिति में यात्री को ईमेल, वॉट्सऐप, SMS और वेबसाइट पर वास्तविक देरी की सूचना देनी होगी. एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे यात्रियों को अनाउंसमेंट और डिस्प्ले बोर्ड के जरिए जानकारी देना अनिवार्य होगा. साथ ही ऐसी उड़ानों को जिनके 3 घंटे से अधिक देरी से उड़ने की संभावना है, उन्हें रद्द करना होगा ताकि एयरपोर्ट और वेटिंग एरिया में कंजेशन नहीं हो.

संवेदनशील हो कर्मचारी

DGCA ने सभी एयरलाइन से हवाई अड्डों पर कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कहा है. साथ ही लोगों को पूरी जानकारी और जरूरी सहायता मुहैया कराने के लिए स्टाफ को हरसंभव ट्रेनिंग देने के आदेश भी दिए हैं. हालांकि, अप्रत्याशित घटना की स्थिति में यानी एयरलाइन के नियंत्रण से परे असाधारण परिस्थितियों में,ये प्रावधान लागू नहीं होंगे.