Air India Update: सरकारी एयरलाइन कंपनी के तौर पर अबतक पहचानी जाने वाली एयर इंडिया (AIR INDIA) को लेकर एक बड़ा अपडेट है. एयर इंडिया को ऑफिशियल तौर पर 27 जनवरी की शाम को टाटा ग्रुप को सौंप दिया जाएगा. एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के तहत टाटा समूह ने 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए सरकार की तरफ से लगी बोली जीती थी. टाटा समूह ने 18000 करोड़ रुपये में बोली जीती थी. 27 जनवरी को एयरलाइन के हस्तांतरण के समय DIPAM, वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल रहेंगे और साथ ही Tata समूह के अधिकारी भी शामिल रहेंगे. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टाटा समूह को Closing शीट मिल गई

खबर के मुताबिक, टाटा समूह को Closing शीट मिल गई है और जरूरी फेरबदल, सुधार के साथ बुधवार शाम तक विभाग को अवगत करा देगा. घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) को पिछले साल टाटा ग्रुप (Tata group) ने खरीद लिया था. इसी क्रम में अब आखिर में एयरलाइन (AIR INDIA) को सौंपने की तैयारी है.

68 साल बाद फिर टाटा के पास एयर इंडिया

समय बलवान होता है. एयर इंडिया (Air India) की ये डील इसका उदाहरण है. 68 साल पहले टाटा ग्रुप के पास ही एयर इंडिया की कमान थी. बाद में सरकार ने इस एयरलाइन को अपने अधिकार में लिया. अब फिर इतने साल बाद एक बार फिर से एयरलाइन टाटा ग्रुप के पास होगी. बोली जीतने के मौके पर तब टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरण ने कहा था कि टाटा समूह में होने के नाते हम AIR INDIA के लिए विजेता होने पर खुश हैं. हमारे लिए यह एक ऐतिहासिक मौका है. हमारी यह कोशिश जरूर होगी कि हम एयर इंडिया को वर्ल्ड लेवल एयरलाइन बनाएंगे, जो हर भारतीय को गौरवान्वित करेगी. 

टाटा ग्रुप पहले से भी एयरलाइन बिजनेस कर रही है

टाटा ग्रुप पहले से भी एयरलाइन बिजनेस में है. टाटा की एयररलाइन विस्तारा (VISTARA) को एक अलग यूनिट के तौर पर जारी रखने की योजना है, क्योंकि एआई सौदे के लिए एसआईए बोर्ड में नहीं है. विस्तारा टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 अनुपात में संयुक्त उद्यम है. 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

100 फीसदी हिस्सेदारी होगी

टाटा की एयर इंडिया और इसके दूसरे वेंचर एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी होगी. हालांकि ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में भी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. टाटा की 18,000 करोड़ रुपए की सफल बोली में 15,300 करोड़ रुपए का कर्ज लेना और बाकी नकद भुगतान शामिल है. सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के बदले में टाटा संस से 2,700 करोड़ रुपए मिलेंगे.