सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया के चेयरमैन अश्वनी लोहानी शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार से मुलाकात कर सकते हैं. एयर इंडिया उड़ान परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज के पांच बड़े विमानों को पट्टे पर लेने की योजना बना रही है. गहराते कर्ज संकट और लगातार घटते राजस्व से जूझ रही जेट एयरवेज ने बुधवार रात से अपनी उड़ानों को अस्थाई तौर पर बंद करने की घोषणा कर दी. जेट एयरवेज के पास 16 बड़े विमान हैं. इनमें 10 बी 777- 300ईआर और छह एयरबस ए330एस विमान हैं.

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जेट एयरवेज के कर्ज पुनर्गठन कार्यक्रम के तहत स्टेट बैंक के नेतृत्व वाला बैंकों का समूह इन दिनों एयरलाइन को चला रहा है. एयर इंडिया के चेयरमैन ने बुधवार को स्टेट बैंक प्रमुख को पत्र लिखकर जेट एयरवेज के पांच बोइंग 777एस विमानों को पट्टे पर लेने में अपनी रुचि दिखाई है. एयर इंडिया इन विमानों को अपने अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सेवा में लगाना चाहती है. दोनों के बीच यह बैठक नयी दिल्ली में हो सकती है. 

एयर इंडिया नए अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान सेवाएं शुरू करना चाहता है. इसके साथ ही उसकी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने की भी मंशा है. लेकिन उसके पास ऐसा करने के लिये अतिरिक्त विमान नहीं है. एयर इंडिया पर फिलहाल 55000 करोड रुपए का कर्ज है. इस कर्ज़ को सरकार ने दो हिस्सों में बांटा है. इसमे एक बड़े हिस्से को SPV यानी स्पेशल पर्पस व्हीकल की तरफ डाइवर्ट किया है. 

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एयर इंडिया सब्सिडियरी बेचने से सरकार SPV के तकरीबन 29000 करोड़ रुपए के दबाव को झेलने में मदद मिलेगी. दूसरे कदम के तहत सरकार एयर इंडिया में ज़रूरत पड़ने पर समय-समय पर पैसा भी लगाती रहेगी जिससे न केवल एयर इंडिया की वित्तीय हालात सुधरे, साथ ही एयरलाइन की यात्री सुविधाओं में भी सुधार और इजाफा हो सके.