नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद एयर इंडिया (Air India) ने शुक्रवार को कहा कि वे न्यूयॉर्क-दिल्ली फ्लाइट में पेशाब की घटना के संबंध में रिपोर्टिंग में देरी को स्वीकार करती है और इस खामी के समाधान के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. ये घटना पिछले साल 26 नवंबर को उस वक्त हुई थी, जब न्यूयार्क से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-102 में एक यात्री ने एक महिला यात्री पर पेशाब कर दिया था. लेकिन विमानन नियामक डीजीसीए के संज्ञान में ये बात 4 जनवरी को ही आई थी.

DGCA ने एयर इंडिया पर लगाया 30 लाख का जुर्माना

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डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि उसने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और साथ ही इस घटना के सिलसिले में संबंधित उड़ान के पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया है. विमानन कंपनी के ‘इन-फ्लाइट सेवा’ निदेशक पर तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. यह कार्रवाई विभिन्न उल्लंघनों के लिए की गई हैं. इस पूरे मामले में एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय का आज का आदेश मिला है और हम उसका अध्ययन कर रहे हैं.’’

प्रवक्ता के अनुसार, एयरलाइन उद्दण्ड यात्रियों से जुड़ी घटनाओं से निपटने की नीतियों के बारे में कर्मचारियों की जागरूकता भी बढ़ा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘एयर इंडिया अपने यात्रियों की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.’’

आरोपी ने जांच के निष्कर्षों पर जताई असहमति

उधर दूसरी ओर, महिला यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा ने आंतरिक जांच के निष्कर्षों पर असहमति जताते हुए कहा कि उनपर 4 महीने तक हवाई सफर पर लगाई गई रोक विमान के खाके की गलत समझ पर आधारित है. अपने वकील के जरिए जारी किए गए बयान में मिश्रा ने कहा कि लागू नियमों के आधार पर फैसले के खिलाफ अपील की कार्रवाई की जा रह ही है.

आरोप है कि शंकर मिश्रा पिछले साल 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में शराब के नशे में था और उसने बुजुर्ग महिला पर कथित तौर पर पेशाब कर दिया था. हालांकि, शंकर मिश्रा ने पूरे मामले को नया मोड़ देते हुए दावा किया था कि महिला ने उनपर पेशाब किया था.

भाषा इनपुट्स के साथ