भारत में अब जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों का जमाना शुरू होनेवाला है. टू-व्हीलर सेल का बड़ा बाजार देश में है. लेकिन बढ़ते पेट्रोल के दाम इसकी ग्रोथ पर लगाम कसते नजर आते हैं. लेकिन ये दुविधा भी इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ जल्द खत्म होने की राह पर है. वह इसलिए क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की लागत कम करने के साथ-साथ नए मॉडल को दी जा रही सब्सिडी में बढ़ोतरी किए जाने से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (E-2W) की पहुंच भारतीय ऑटो सेक्टर में तेजी के साथ बढ़ने की उम्मीद है.

ऐसे हो सकती है ग्रोथ

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अगर बात आंकड़ों की की जाए तो FY21 में e-2Ws ने कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री के मुकाबले एक प्रतिशत से भी कम का योगदान दिया है. लेकिन वित्त वर्ष 2025 तक इस सेल अनुपात टू व्हीलर में बढ़कर 7-10% तक पहुंचने की उम्मीद है.  

समाचार एजेंसी IANS ने India Ratings and Research (Ind-Ra) के हवाला देते हुए लिखा है, स्कूटर सेगमेंट में e-mobility की पैठ आनेवाले समय में बढ़ेगी ऐसे में e-scooter की सेल आनेवाले समय में 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है.

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EV स्कूटर करेगी नेतृत्व

एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि आनेवाले सालों में इलेक्ट्रिक व्हिकल की ये ग्रोथ EV और ICE(internal combustion engine) के बीच दामों के डेल्टा  को कम करने से होगी, क्योंकि ई-व्हिकल्स के लिए फेम-2 योजना के तहत बढ़ी हुई सब्सिडी मिलती है इसलिए EV की ग्रोथ तेजी के साथ बढ़ सकती है. एजेंसी का ये भी मानना ​​है कि ई-स्कूटर उनकी उच्च शहरी मौजूदगी के चलते इस उद्योग खंड में इलेक्ट्रिफिकेशन का नेतृत्व करेंगे.

आगे और होंगे सुधार

इसके अलावा, हाल ही में लॉन्च किए गए EV और अगले कुछ वर्षों में नियोजित नए मॉडल्स में बेहतर रेंज, गति और बैटरी आकार होने की संभावना है. इस प्रकार बाजार में उपलब्ध मौजूदा ICE वेरिएंट के मुकाबले  e-2W का प्रदर्शन और बेहतर होने की उम्मीद है.  

एजेंसी के अनुसार, ई-स्कूटर की कुल लागत अब एक ICE स्कूटर के बराबर है. यही नहीं इंडिया रेटिंग को आनेवाले समय में e-commerce कंपनियों और डिलिवरी कंपनियों द्वारा e-2W अपनाने की ज्यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं. इसमें डिलिवरी के उपयोग से लेकर बाइक-टैक्सी के तौर पर इस्तेमाल की संभावना है. लिहाजा भारत में आनेवाले समय में EV की पैठ बढ़ते नजर आ रही है.