देहरादून के भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों ने बढ़ती डीजल और पेट्रोल की कीमतों से निजात दिलाने का एक अनोखी पहल शुरू की है. पुरानी कार के इंजन को बदलकर अब इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को शुरू किया है. भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के कैंपस में पुरानी कार को इलेक्ट्रॉनिक कार में बदल कर चलाया जा रहा है. अगर आपके पास पुरानी कार है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. 

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पुरानी कार का हो रहा इस्तेमाल

बता दें कि 15 साल पुरानी कार को अब आप सड़कों पर चला नहीं सकते हैं इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों ने डीजल और पेट्रोल की कार को इलेक्ट्रॉनिक कार में बदलने का एक नया तरीका निकाला है. अब आप पुरानी कार का इस्तेमाल भी भारतीय पेट्रोलियम संस्थान यानी आईआईपी देहरादून में किया जा रहा है. 

सोलर एनर्जी से चलेगी कार

वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली पुरानी कारों को इलेक्ट्रॉनिक कार में बदलने की उन्हें कामयाबी मिल गई है. अब आसानी से पुरानी कारों को इलेक्ट्रॉनिक कार में बदला जाएगा. इससे बिजली और सोलर ऊर्जा से चार्ज होने के बाद लोग आसानी से कार को चला भी सकेंगे. 

आगे बढ़ेगी कार की स्पीड

वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे न तो वायु प्रदूषण होगा और न ही डीजल और पेट्रोल की जरूरत पड़ेगी. अभी तक वैज्ञानिक 60 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से इस कार को चला रहे हैं. आने वाले दिनों में जहां इसकी स्पीड बढ़ेगी. 

12 घंटे चलेगी कार

बैटरी को 12 घंटे में पूरी तरह से चार्ज किया जा सकेगा. इसके साथ ही कार में 48 बोल्ट का इंजन भी लगाया गया है जो 60 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चल रहा है इसी तरह से इंजन में बैटरी के हिसाब से इसकी स्पीड को बढ़ाया जा सकेगा और आसानी से बैटरी को रिचार्ज भी किया जा सकेगा.

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सस्ती होगी कारें

डीजल और पेट्रोल के मुकाबले इलेक्ट्रॉनिक कार काफी किफायती साबित हो सकती है जिस तरह से वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनिक कार बनाने में कामयाबी हासिल की है ऐसे में उम्मीद जगी है कि इलेक्ट्रॉनिक कार का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होगा. 

(रिपोर्ट- रामअनुज)