ताइवान की टेक दिग्गज Foxconn  भारत समेत यूरोप और लैटिन अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए कंपनी जर्मनी के कार ऑटो मेकर्स के साथ अपरोक्ष रूप से मदद भी लेगी. Apple Inc के लिए iPhones बनाने के लिए मशहूर Foxconn ने 2025 और 2027 के बीच दुनिया के 10% EVs के लिए कंपोनेंट्स और सर्विस देने का मकसद रखा है.

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ऐसे हुआ करार

फॉक्सकॉन, जिसे औपचारिक रूप से हॉन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड के नाम से भी पहचाना जाता है, का मकसद दुनिया में EV बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनना है. इसके लिए इसने US स्टार्टअप फिस्कर इंक और थाईलैंड के ऊर्जा समूह PTT PCL के साथ करार किए हैं.

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इस तरह होगा प्रोडक्शन

ताइपे में हालही में तीन EV प्रोटोटाइप का अनावरण करने के बाद एक व्यापार मंच में संवाददाताओं से बात करते हुए, लियू ने कहा कि डिस्क्लोज़र प्रतिबंधों के कारण वह यूरोप, भारत और लैटिन अमेरिका के लिए अपनी योजनाओं की कोई ज्यादा जानकारी नहीं दे सकेंगे. उन्होंने कहा कि "यूरोप थोड़ा तेज होगा, मैं इससे सहमत हूं, लेकिन कहां, मैं आपको नहीं बता सकता,".

भारत में प्रोडक्शन को  लेकर उन्होंने कहा कि तय कार्यक्रम के तहत सबसे पहले प्रोडक्शन यूरोप में शुरू किया जाएगा इसके बाद भारत में प्रोडक्शन होगा. इन दोनों के बाद लैटिन अमेका में प्रोडक्शन किया जाएगा. उन्होंने जर्मन कार फर्म्स के साथ सहयोग को लेकर कहा कि ये सहयोग अपरोक्ष रूप से होगा. लीयू ने बताया कि पहले प्रोडक्शन मैक्सिको में शुरू होने की संभावना है.

ये हैं मकसद

लियू ने कहा कि जब EV बनाने की बात आती है तो ताइवान के पास सॉफ्टवेयर और सेमिकंडक्टर की मौजूदगी काफी मजबूत है.  उन्होंने कहा, जैसे फॉक्सकॉन की पहचान है वे BOL मॉडल यानी बिल्ड, ऑपरेट और लोकलाइज़ के तौर पर ऑपरेट करता है और लोकल निवेशकों के साथ स्थानीय कारखानों में निर्माण और संचालन कर उसे लोकल कंज्युमर को बेचना है.

बता दें कि मई में, फॉक्सकॉन और कार निर्माता स्टेलंटिस ने जॉइन्ट वेंचर के तहत एक प्लान की घोषणा की है जिसके तहत ऑटो उद्योग में  इन-कार और कनेक्टेड-कार टेक्नोलॉजीज़ की आपूर्ति की जाएगी.

फॉक्सकॉन ने इसी महीने इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए अमेरिकी स्टार्टअप लॉर्डस्टाउन मोटर्स कॉर्प से एक फैक्ट्री खरीदी थी. अगस्त में उसने ऑटो चिप्स की भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए ताइवान में एक चिप प्लांट खरीदा.