Ford India news: फोर्ड मोटर के अधिकारी के साथ यूनियन की बैठक फेल हो गई. कंपनी देश में अपने तीन प्लांट बंद कर रही है. कंपनी के सीनियर ऑफिसर्स के साथ प्रोडक्शन प्लांट बंद करने के निर्णय पर फिर से विचार करने के लिए हुई यह बैठक विफल रही. फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एक केंद्रीय अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. लेबर यूनियन ने भारत में चार में से तीन प्लांट को बंद करने के निर्णय में शामिल फोर्ड मोटर कंपनी के टॉप ऑफिसर्स के साथ मीटिंग करने के लिए कहा था.

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'प्लांट बंद करने का फैसला अंतिम'

यूनियन के एक नेता ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया कि, हमने सोमवार को फोर्ड मोटर कंपनी के आईएमजी (इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप) के एक अधिकारी के साथ बैठक की. हमें बताया गया कि भारतीय संयंत्रों को बंद करने का फैसला अंतिम है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. उनके अनुसार मजदूर अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं न कि कोई एकमुश्त मुआवजा. 9 सितंबर को फोर्ड इंडिया ने घोषणा की कि वह 2021 की चौथी तिमाही तक गुजरात के साणंद में वाहन असेंबली और 2022 की दूसरी तिमाही तक चेन्नई में वाहन और इंजन प्रोडक्शन को बंद कर देगी. फोर्ड इंडिया के देश में चार प्लांट हैं- चेन्नई और साणंद में वाहन और इंजन प्लांट हैं.

5,300 कर्मचारियों पर होगा असर

अधिकारियों ने कहा कि फोर्ड के भारत छोड़ने के फैसले से लगभग 5,300 कर्मचारियों- मजदूरों और स्टाफ के लिए भविष्य अनिश्चित हो जाएगा. इसके चेन्नई प्लांट में लगभग 2,700 सहयोगी (स्थायी कर्मचारी) और लगभग 600 कर्मचारी हैं. साणंद मजदूर संघ के महासचिव नयन कटेशिया ने आईएएनएस से कहा, कि साणंद में मजदूरों की संख्या करीब 2,000 होगी.

फोर्ड इंडिया ने कहा था कि साणंद इंजन प्लांट में 500 से ज्यादा कर्मचारी, जो एक्सपोर्ट के लिए इंजन का प्रोडक्शन करते हैं. वहीं लगभग 100 कर्मचारी पार्टस डिलिवरी और कस्टमर सपोर्ट से जुड़े हैं, ये भारत में कंपनी के काम करते रहेंगे. फोर्ड इंडिया के मुताबिक, इसके फैसले से करीब 4,000 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है. फोर्ड इंडिया के कर्मचारी चाहते हैं कि कार प्लांट के संभावित खरीदार उन्हें काम पर रखें.

    

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