सितंबर में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में 11.45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हालांकि सालान आधार पर इसमें 10 प्रतिशत से ज्‍यादा की गिरावट है. टू व्‍हीलर और थ्री व्‍हीलर की बिक्री 12.62% और 58.86% बढ़ी है. पैसेंजर व्‍हीकल की बिक्री 9.81% बढ़ी है. कमर्शियल व्‍हीकल की बिक्री 33.65% गिरी है. जबकि ट्रैक्‍टर की बिक्री उठी है.

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फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के आंकड़ों में त्‍योहारों के दौरान सेल और बढ़ने की उम्‍मीद जताई गई है. FADA के अध्यक्ष, विंकेश गुलाटी के मुताबिक पैसेंजर व्‍हीकल में पहली बार साल दर साल ग्रोथ जनरेट हुई है. बैंकों ने फाइनेंस खोल रखा है. ट्रैक्‍टर सेल भी अच्‍छी रही है.

 

इससे पहले अगस्त महीने में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में 26.81 फीसदी की कमी आई थी. हालांकि जुलाई 2020 की तुलना में रजिस्ट्रेशन में 3.8 फीसदी की बढ़त देखी गई. आंकड़ों के मुताबिक दुपिया गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में 28.71 फीसदी, 3-व्हीलर में 69.51 फीसदी, कॉमर्शियल गाड़ियों में 57.39 फीसदी और कुल यात्री गाड़ियों में 7.12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि ट्रैक्टर की बिक्री अच्छी रही ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन में 27.80 फीसदी की बढ़त देखी गई थी.

एंट्री लेवल पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट में गाड़ियों की बिक्री बढ़ती दिखी. हालांकि त्योहारों के बावजूद भी बिक्री कोरोना काल के पहले के स्तर पर नहीं पहुंची है. बैंक और NBFC ग्राहकों को कर्ज देने में काफी सावधानी बरत रहे हैं.

ट्रैक्टर और इंट्री लेवल वाले छोटे कॉमर्शियल वाहनों की अगस्त की बिक्री अच्छी रही. FADA ने कहा कि सितंबर में पित्रपक्ष और अधिक मास के चलते बिक्री कम होती है इस दौरान सामान्य तौर पर लोग बड़ा लेन-देन नहीं करते हैं. लेकिन आंकड़े अच्‍छे हैं. वहीं बैंक और NBFC के एनपीए बहुत अधिक नहीं होते और रिकवरी दर न्यूट्रल टू पोजिटिव रहते है, तो बैंक और एनबीएफसी आक्रामक तरीके से ऑटो लोन लेकर आ रहे हैं जिससे मांग एक बार फिर लौटेगी.

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