Uber on Delhi NCR Ban: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और बद से बदतर होते AQI के बाद दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप बेस्ड टैक्सियों पर रोक लगाने का फैसला लिया जा सकता है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित दूसरी टैक्सियां अब राजधानी में एंट्री नहीं ले पाएंगी. इसके बाद अब Uber ने दिल्ली सरकार को चिठ्ठी लिखी है. इसमें कंपनी ने दिल्ली सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है.  

Uber on Delhi NCR Ban: साफ ईंधन सीएनजी और इलेक्ट्रिक कार पर चलती है 70 हजार कारें  

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Uber ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ' हम आपको विश्वास दिलाना चाहेंगे कि कैब एग्रीगेटर बिजनेस पर्यावरण और स्वास्थ्य संकट के इस क्षण में एनसीआर के नागरिकों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है. दिल्ली एनसीआर में उबर प्लेटफॉर्म पर मौजूद 70 हजार कारों में से हर एक कार साफ ईंधन-सीएनजी या इलेक्ट्रिक पर चलती है. दूसरी तरफ निजी वाहन पेट्रोल या डीजल पर चलते हैं, जो ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला ईंधन है. निजी वाहनों से सीएनजी या इलेक्ट्रिक कैब में कोई भी बदलाव लोगों को स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके ही प्रदूषण को कम करेगा.' 

Uber on Delhi NCR Ban: पेट्रोल या डीजल वाहनों की तरफ रुख करेंगे लोग

Uber ने अपने लेटर पर आगे लिखा, 'साफ ईंधन से चलने वाले सीएनजी गाड़ियों पर लगने वाले अंधाधुंध प्रतिबंध से लोग पेट्रोल या डीजल वाहनों की ओर जाने के लिए मजबूर होंगे. दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में की गई एक स्टडी में पाया गया है कि दिल्ली में 2 फीसदी से भी कम वायु प्रदूषण का कारण चार पहिया वाहन हो सकते हैं, जिसका मतलब है कि प्रदूषण फैलाने वाले दूसरे कारणों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, जिनका उत्सर्जन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. दूसरी तरफ उत्सर्जन पर न के बराबर प्रभाव पड़ने के अलावा ये कदम दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लिए अनावश्यक और असुविधा से भरा होगा. 

Uber on Delhi NCR Ban: सरकार से मांगा समय, आवाहजी पर प्रतिबंध होगा अव्यवाहरिक

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों के दिल्ली के आसपास के कई जिले शामिल हैं, ऐसे में आवाजाही पर प्रतिबंध करना अव्यवाहरिक है और इसे लागू करना भी कठिन हो जाता है. यह दिल्ली एनसीआर के नागरिकों के लिए आने जाने के लॉकडाउन की तरह होगा, जिन्हें हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों और यहां तक ​​​​कि प्रमुख अस्पतालों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे तक पहुंचने की जरूरत होगी.

चिट्ठी में आखिरी में कंपनी ने लिखा, 'हम सरकार से वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाने के लिए अनुरोध करेंगे. साथ ही यह भी ध्यान में रखें कि यह कदम बड़े मानवीय संकट को जन्म दे सकता है. यदि आप हमें चर्चा के लिए कुछ समय दे सकें तो हमें इसमें शामिल होने में खुशी होगी.'