लोकसभा चुनाव के बाद देश में गाड़ियों की मांग में तेजी देखी जा सकती है. ऑटोमोबाइल कंपनियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सरकार अर्थव्यव्स्था में तेजी लाने के लिए बाजार में तरलता को बढ़ाएगी जिससे आसानी से लोन मिलेगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और मांग सुधरेगी. ऑटोमोबाइल उद्योगों की मुश्किलों व उम्मीदों पर जी बिजनेस ने टाटा मोटर के पैसेंजर व्हीकल के प्रमुख मयंक पारिख से बात की. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा.

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लोन नहीं मिलने से बढ़ी मुश्किल

पिछले साल के मुकाबले मुनाफे में कमी और घरेलू मांग में कमी पर टाटा मोटर के पैसेंजर व्हीकल के प्रमुख ने कहा कि गाड़ियां खरीदने के लिए 70 फीसदी ग्राहक लोन लेते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से ग्राहकों को आसानी से लोन नहीं मिल पा रहा है. वहीं पिछले कुछ समय में तेल के दामों में भी तेजी रही. पिछले दिनों ब्याज दर भी अधिक रही. इन सभी का परिणाम रहा कि लोगों में गाड़ियों की मांग में कमी आई. आने वाले दिनों में इस मांग में सुधार की उम्मीद है.

BS6 मानक लागू करना बहुत बड़ी चुनौती है

मयंक पारिख के अनुसार देश के ऑटोमोबाइल उद्योग के सामने बीएस 6 मानकों के तहत गाड़ी लाना सबसे बड़ी चुनौती है. कंपनियों के सामने ये चुनौती है कि 1 अप्रैल 2020 के पहले बाजार से BS4 मानकों वाली गाड़ियां पूरी तरह से खत्म हो जाएं. क्योंकि 1 अप्रैल के बाद BS4 मानकों वाली गाड़ियां रजिस्टर नहीं होंगी. हालांकि कंपनियों की ओर से पूरी तैयारी की ली गई है. सभी कंपनियां तकनीकी तौर पर पूरी तरह से तैयार हैं. बाजार में 1 अप्रैल 2020 से काफी पहले ही BS6 मानकों वाली गाड़ियां बाजार में उपलब्ध होंगी.

क्या है बीएस 6 और क्या है इसका फायदा

यूरोप में जैसे गाड़ियों के उत्सर्जन मानक यूरो के तहत तय किए जाते है उसी तरह भारत में गाड़ियों के उत्सर्जन को ले कर भारत स्टेज मानक बनाए गए हैं. वर्तमान समय में देश भर में बीएस4 मानकों के तहत गाड़ियां बेची जा रही है. भारत सरकार ने प्रदूषण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बीएस 4 से सीधे बीएस 6 मानकों को लागू करने का निर्णय लिया है. बीएस-6 वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90% पीएम 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे. नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लगेगा. परिवहन विशेषज्ञों के अनुसार बीएस-6 वाहन से निकलने वाले धुएं में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे. यानी बीएस-6 वाहन व बीएस-6 पेट्रोल-डीजल होने पर प्रदूषण 75% कम होगा.