अमेरिका की सिलिकॉन वैली की एक आईटी (IT) कंपनी ने एक उच्च शिक्षित भारतीय पेशेवर को एच-1 बी (H-1 B) वीजा देने से इनकार करने पर अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. कंपनी ने इस फैसले को "मनमाना" और "अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग" बताया है. 

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कंपनी ने किया केस

जेट्रा सॉल्यूशंस ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया है कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIM) ने प्रहर्ष चंद्र साई वेंकट अनीसेट्टी को अनुचित तरीके से एच-1 बी वीजा देने से मना किया है. उन्हें बिजनेस सिस्टम एनालिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था. 

नौकरी वीजा शर्तों से बाहर

याचिका में कहा गया है कि वेंकट की तरफ से कंपनी के एच-1 बी वीजा आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वेंकट को जिस नौकरी की पेशकश की गई है वह एच-1 बी वीजा के लिए पात्र नहीं है. एच-1 बी वीजा विशेष योग्यता के कामों के लिए मिलता है. 

अमेरिकी सरकार का आदेश निरस्‍त करने की मांग

कंपनी ने अमेरिका की जिला अदालत से यूएससीआईएस के आदेश को निरस्त करने का आग्रह करते हुए कहा, "वीजा आवेदन को पर्याप्त आधार नहीं दिए गया हैं और यह एक मनमाना व बिना सोचा समझा निर्णय है और यह प्राप्त अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग है." 

इंजीनियरिंग की डिग्री

वेंकट के पास इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग) में स्नातक की डिग्री और टेक्सॉस विश्वविद्यालय से सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन में एमएससी की डिग्री है. उनके पास वर्तमान में पत्नी के जरिए वैध एच-4 आश्रित वीजा है. उनकी पत्नी के पास एच-1 बी वीजा है.