पाकिस्‍तान में आवारा कुत्‍तों ने आतंक मचा रखा है. पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत में कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी आई है. इससे अचानक एंटी रैबीज टीकों की मांग बढ़ गई है. लेकिन टीके पाकिस्‍तान में नहीं बचे हैं. क्‍योंकि पाकिस्‍तान ने पहले ही भारत से ये टीके मंगाना बंद कर रखा है. अगर वह यूरोप या किसी अन्‍य देश से इस टीके को मंगाता है तो खर्च 70 गुना तक अधिक आएगा. सोमवार रात को कराची में 12 लोगों को कुत्तों ने काटा था.

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पाकिस्‍तान में Rabies Free Karachi प्रोग्राम के डायरेक्टर नसीम सलाहुद्दीन ने बताया कि दूसरे देशों से वैक्सीन मंगाने का खर्च बहुत अधिक है. भारत से टीका मंगाने पर एक वायल की कीमत 1 हजार रुपये तक पड़ती है, जबकि यूरोप से एक वैक्सीन की कीमत 70 हजार रुपये है. यह जीवनरक्षक टीका सिर्फ सरकारी अस्पतालों में है. सिंध प्रांत और कराची के सरकारी अस्पतालों में इसकी भारी कमी है.

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत से व्‍यापार रोक दिया था. इससे सबसे ज्‍यादा उसको ही नुकसान हुआ है. इस समय टीकों की जरूरत है और पाकिस्‍तान कुछ नहीं कर सकता.

पाकिस्तान की जरूरत

पाकिस्तान फल, सीमेंट, आयरन ओर, चमड़ा, केमिकल, कॉटन, मसाले, ऊन, रबड़ उत्पाद, अल्कोहल पेय, चिकित्सा उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक, डाई और खेल का सामान भारत से मंगाता था. इन सब चीजों के लिए उसे अब दूसरे देशों के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. जब वहां से निराश हुआ तो फिर भारत के आगे हाथ फैला रहा है.

भारत को कितना नुकसान

फरवरी 2019 में पुलवामा अटैक के बाद भारत ने पाकिस्‍तान से मोस्‍ट फेवर्ड नेशन (MFN) स्‍टेटस छीन लिया था. उसके बाद दोनों देशों के बीच इम्‍पोर्ट-एक्‍सपोर्ट काफी गिर गया. फरवरी में दोनों ओर से होने वाला कारोबार 164 मिलीयन डॉलर का था, जो जून में घटकर 105 मिलीयन डॉलर पर आ गया. भारत पाकिस्तान से ड्राई फ्रूट, कॉटन, फ्रूट, सीमेंट, पेट्रो प्रोडक्‍ट और आयरन ओर मंगाता है.

इतनी दवा खरीदी

पाकिस्तान ने बीते साल भारत से 1 अरब, 36 करोड़, 99 लाख एवं 87 हजार रुपये की दवा और वैक्सीन आयात की. आयात की गई दवाओं में जीवन रक्षक दवाओं के साथ-साथ दूसरे रोगों के इलाज में काम आने वाली टैबलेट, सीरप और टीके शामिल हैं. बीते साल जनवरी में भारत से 15 करोड़ 43 लाख और 17 हजार पाकिस्तानी रुपये की दवा और वैक्सीन मंगाई गईं. 

फरवरी में 22 करोड़ 32 लाख 47 हजार, मार्च में 19 करोड़ 37 लाख और 37 हजार रुपये की भारतीय दवाएं व वैक्सीन आयात की गईं. अप्रैल में 11 करोड़ 10 लाख एवं 42 हजार, मई में 18 करोड़ 96 लाख एवं 47 हजार और जून में चार करोड़ 89 लाख एवं 12 हजार रुपये की भारतीय दवा व वैक्सीन आयात की गईं.