Modi's Europe Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को डेनमार्क की कंपनियों और पेंशन फंड को भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और हरित उद्योगों (Green industries) में निवेश के लिये न्योता दिया. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन के साथ बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि, भारत में 200 से ज्यादा कंपनियां पहले से काम कर रही हैं और सरकार की कारोबार सुगमता पहल से फायद उठा रही हैं. प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘डेनमार्क की कंपनियों और पेंशन कोषों के लिये भारत के ढांचागत क्षेत्र और हरित उद्योगों में निवेश के काफी अवसर हैं.’’ 

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डेनमार्क की कंपनियां पवन ऊर्जा, पोत परिवहन, परामर्श, खाद्य प्रसंस्करण और इंजीनियरिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं.

भारत-डेनमार्क ने जारी किया संयुक्त बयान

मोदी की यात्रा के दौरान जारी भारत-डेनमार्क संयुक्त बयान में कहा गया कि, दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के महत्व को रेखांकित किया. वहीं दोनों देशों के बीच संभावित आर्थिक संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने पर जोर दिया.

इसमें कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने कहा कि विविध, मजबूत, पारदर्शी, खुली, सुरक्षित और भरोसेमंद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के जरिये मजबूत द्विपक्षीय निवेश तथा व्यापार से दोनों देशों की आर्थिक सुरक्षा एवं लोगों की समृद्धि सुनिश्चित होगी.’’

दोनों देशों ने निवेश का किया स्वागत 

दोनों नेताओं ने भारत में डेनमार्क की कंपनियों के खासकर रिन्यूएबल एनर्जी, जल, टर्मिनल, फूड प्रोसेसिंग और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में और भारतीय कंपनियों के डेनमार्क में खासकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश का स्वागत किया. बयान के अनुसार, दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि हरित रणनीतिक भागीदारी से जो अवसर पैदा हुए हैं, वह द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

‘‘इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने ‘भारत हरित वित्त पहल’ की शुरुआत का स्वागत किया. इसका मकसद भारत में हरित वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजन के इरादे से हरित परियोजनाओं की फंडिंग में योगदान करना है.’’

यूएन को ज्यादा ज्यादा प्रभावी बनाने पर जोर

दोनों देशों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, उसे मजबूत बनाने तथा बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधारों को को लेकर भी प्रतिबद्धता दोहरायी. मोदी और फ्रेडेरिक्सेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र को ज्यादा प्रभावी, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने को लेकर उसमें सुधार की बात दोहरायी. बयान के अनुसार, डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2025-26 के लिये अस्थायी सदस्यता के लिये डेनमार्क की उम्मीदवारी का समर्थन किया.

बयान के अनुसार, दोनों नेता डेयरी के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर कृषि में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए.

यूक्रेन में तत्काल युद्ध विराम की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में तत्काल युद्ध विराम की अपील की और संकट के समाधान के लिए बातचीत एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने की जरूरत बताई. इस दौरान डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन ने उम्मीद जताई कि भारत युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा. मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यूक्रेन के संकट पर चर्चा की और यूक्रेन में ‘तत्काल युद्ध विराम’ की अपील की.

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में तत्काल युद्ध विराम करने और संकट के समाधान के लिए संवाद एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की.’’ फ्रेडेरिक्सेन ने उम्मीद जताई कि भारत रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा, उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ‘जंग समाप्त करने तथा लोगों की हत्याएं रोकने’ को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा संदेश बहुत साफ है कि पुतिन को यह जंग रोकनी होगी और लोगों की जान लेना बंद करना होगा, जाहिर तौर पर मुझे उम्मीद है कि भारत इस बातचीत में रूस पर भी दबाव बनाएगा.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेनमार्क में द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे. यहां वे 2018 में हुए पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से हुए सहयोग की समीक्षा करेंगे.