इमरान खान के खिलाफ 'बगावत', विरोधियों को रोकने के लिए इस्लामाबाद को कंटेनर से घेरा
पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) और उनकी सरकार के लिए 30 और 31 अक्टूबर का दिन बड़ी मुसीबत वाला हो सकता है. एक तरफ विपक्ष (Opposition) के समर्थन में पाकिस्तानी अवाम ने इमरान खान के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए हैं.
पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) और उनकी सरकार के लिए 30 और 31 अक्टूबर का दिन बड़ी मुसीबत वाला हो सकता है. एक तरफ विपक्ष (Opposition) के समर्थन में पाकिस्तानी अवाम ने इमरान खान के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए हैं. वह इमरान खान सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रही है.
वहीं बिजनेस कम्युनिटी (Business Community) भी पाकिस्तानी सरकार के विरोध में खड़ी हो गई है. उन्होंने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) की तरफ बढ़ रहे लाखों पाकिस्तानियों को सपोर्ट करने का ऐलान किया है. लाखों पाकिस्तानी 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद में घुसेंगे.
क्यों हो रहा विरोध
इमरान खान के खिलाफ बगावत का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान में आई कंगाली है. खाने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल की कीमतों में आग लगी है. 25 लाख लोग बेरोजगार हो चुके हैं.
आजादी मार्च
विपक्षी नेता मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान सरकार के इस्तीफे की मांग पर 'आजादी मार्च' निकाला है. यह देश के विभिन्न इलाकों से गुजरता हुआ इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहा है. व्यापारी संगठनों ने इस मार्च का समर्थन जताया है. विपक्षी दलों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि सरकारी अधिकारी व मंत्री 'देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के आईएमएफ के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.'
इस्लामाबाद बना किला
पाकिस्तानी सेना ने बगावत पर उतारू लोगों को इस्लामाबाद में घुसने से रोकने के लिए लोहे के बड़े-बड़े कंटेनर रास्तों पर रख दिए हैं. साथ में बड़ी संख्या में पुलिस और सेना के जवानों को गश्त पर बिठाया गया है.
व्यापारी हड़ताल पर
पाकिस्तान में व्यापारी वर्ग सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ दो दिन से हड़ताल पर है. मंगलवार को इसका व्यापक असर देखा गया. देश के हर शहर के बाजारों में सन्नाटा रहा. यह हड़ताल आज भी जारी रहेगी. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक हड़ताल के कारण पूरे देश में बिजनेस एक्टिविटी ठप पड़ गई है. राजधानी इस्लामाबाद, देश के सबसे बड़े शहर व सिंध की राजधानी कराची, पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर, बलोचिस्तान की राजधानी क्वेटा समेत तमाम शहरों में दुकानें, शॉपिंग माल बंद हैं.
महंगाई से कारोबार ठप
खैबर पख्तूनख्वा के व्यापारी संगठन के अध्यक्ष मेहर इलाही ने कहा कि पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी (PTI) सरकार ने हमारा उद्योग धंधा चौपट कर दिया है. बहुत अधिक टैक्स और महंगाई के कारण कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें हमेशा के लिए बंद कर दी हैं. इस्लामाबाद में एक दुकानदार गौहर अली ने कहा कि यह हड़ताल सरकार को हमारा संदेश है कि हम उसकी नीतियों से नाखुश हैं.
इमरान खान अड़े
कारोबारियों की मांग के जवाब में इमरान सरकार साफ कर चुकी है कि वह आर्थिक नीतियों और कर संग्रह की नीतियों को नहीं बदलेगी. जबकि, कारोबारियों का कहना है कि कर की ऊंची दरों और इन्हें वसूलने के तरीकों ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है.
कर्ज बना संकट
दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी वैश्विक संस्थाओं से कर्ज लेना पड़ा है, जिनकी कड़ी शर्तों ने पाकिस्तान की अवाम की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. महंगाई चरम पर है, बिजली और गैस जैसी जरूरी चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.