पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी वक्त से खराब बनी हुई है और अभी भी पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. पाकिस्तान की कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने कहा कि सुधार के बावजूद पाकिस्तान की इकोनॉमी नाजुक बनी हुई है और नकदी संकट से जूझ रहे देश को कुछ समय के लिए IMF से अधिक ऋण लेना होगा. शुक्रवार को खबर में यह बात कही गई. एक समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, अख्तर ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान को अपनी इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए बेड़े वित्त सुधार करने की जरूरत है. 

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वित्तीय सुधार करने की जरूरत

अख्तर ने कहा कि  अगला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कार्यक्रम बेहद जरूरी है, क्योंकि इकोनॉमी में स्थिरता आई है लेकिन यह अब भी बहुत नाजुक है. जब तक हम निर्यात तथा घरेलू संसाधनों को बढ़ाने में सक्षम नहीं हो जाते, हमें एक और कार्यक्रम की आवश्यकता होगी. उन्होंने यह टिप्पणी पाकिस्तान सरकार और IMF द्वारा कर्मचारी स्तर के समझौते के साथ जारी तीन अरब अमेरिकी डॉलर के ‘स्टैंड-बाय’ समझौते की समीक्षा के समापन के एक दिन बाद की. इस समझौते से पाकिस्तान को दूसरी किश्त में 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. 

दीर्घकालिक सुधारों के अलावा कोई और विकल्प नहीं 

उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक सुधारों के अलावा अब कोई और विकल्प नहीं है. अख्तर ने कहा, देश इसके बिना नहीं बचेगा. संभवतः हमें एक और EFF (विस्तारित फंड सुविधा) चाहिए होगी. हम IMF के साथ बने रहेंगे.