प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के हाई लेवल सेशन को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे हैं. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. पीएम ने कहा कि भारत द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र के 50 संस्थापक सदस्यों में से एक था. उसके बाद से आज तक कई बदलाव आते गए हैं. संयुक्त राष्ट्र में आज 193 सदस्य देश शामिल हैं. 

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पीएम ने कहा कि शुरुआत से ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों और ECOSOC का सक्रिय समर्थन किया है. ECOSOC के पहले अध्यक्ष एक भारतीय ही थे. ECOSOC के एजेंडा को आकार देने में भारत ने भी योगदान दिया.

आज, अपने घरेलू प्रयासों के माध्यम से, हम सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और एजेंडा 2030 में अपना योगदान दे रहे हैं. हम अन्य विकासशील देशों को भी  उनके सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोविड-19 से बड़ी मजबूती से लड़ रहा है. इतना ही नहीं भारत में रिकवरी रेट भी दुनिया के मुकाबले बेहतर है.

आपको बता दें कि भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के चुनाव में जीत के बाद यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में 2021-22 सत्र के लिए निर्वाचित हुआ है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के उच्च स्तरीय सत्र का विषय ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षीयता’ है जो सुरक्षा परिषद को लेकर भारत की प्राथमिकता को दर्शाता है जहां उसने कोविड-19 के बाद के विश्व में बहुपक्षीय सुधार की बात कही है.

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इस वार्षिक उच्च स्तरीय सत्र में सरकार, निजी क्षेत्र, नागरिक संस्थानों और शिक्षाविदों सहित विविध समूहों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि शामिल होंगे . इसमें इस बात पर विचार रखें जा सकते हैं कि 75वीं वर्षगांठ पर हम कैसा संयुक्त राष्ट्र चाहते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के समापन सत्र को संबोधित किया. जिसमें उनके साथ नॉर्वे के प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी शामिल थे.