फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी को बंद करने की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि फेसबुक का आकार वास्तव में अपने यूजर्स और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए फायदेमंद है. फ्रांसीसी प्रसारणकर्ता 'फ्रांस 2' को दिए साक्षात्कार में जुकरबर्ग ने अपने पुराने दोस्त और फेसबुक के सह-संस्थापक क्रिस ह्यूज्स के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब फेसबुक को बंद करने का समय आ गया है, क्योंकि जुकरबर्ग अनियंत्रित शक्ति और प्रभाव को निजी क्षेत्र या सरकार में किसी और से कहीं अधिक ज्यादा दवाब में आ गए हैं.

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राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करने फ्रांस दौरे के दौरान जुकरबर्ग ने कहा, "मैंने जब उनका यह बयान पढ़ा, तो मेरी मुख्य प्रतिक्रिया ये थी कि वह जो प्रस्ताव दे रहा है, उससे हम उन मुद्दों को सुलझाने में कोई मदद नहीं करने वाले हैं." उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे लगता है कि अगर आप लोकतंत्र और चुनावों की चिंता करते हैं तो हमारी जैसी कंपनी को प्रतिवर्ष अरबों डॉलर का निवेश करने में सक्षम होना होगा, जैसे हम चुनावी दखल से निपटने के लिए आधुनिक औजार बनाने में प्रयासरत हैं."

ह्यूज्स ने गुरुवार को द न्यूयार्क टाइम्स में एक लेख में लिखा था कि सरकार को मार्क को जवाबदेह ठहराना होगा. उन्होंने लिखा था, "मार्क की व्यक्तिगत छवि और फेसबुक की छवि में गिरावट आई है." साल 2002 में हावर्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षा पूरी करने के तुरंत बाद ह्यूज को जुकरबर्ग ने फेसबुक में काम दे दिया था. जुकरबर्ग ने कहा कि इस वर्ष सुरक्षा के लिए फेसबुक का बजट इस दशक पहले शुरू हुई कंपनी के पूरे राजस्व से ज्यादा है.