कोरोना वायरस ने ताइवान की इकोनॉमी और जॉब मार्केट पर बुरा असर डाला है. सरकारी डेटा के मुताबिक ताइवान में बेरोजगारी दर सात साल के रिकार्ड स्तर पर 4.11 फीसदी पर पहुंच गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2013 के बाद से ताइवान में पहली बार बेरोजगारी दर में इतनी बढ़त देखी गई है. नवंबर 2016 में यह 4.16 फीसदी थी.

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सर्विस सेक्टर पर पड़ा असर

ताइवान में मई के महीने में बेरोजगारों की संख्या 4,89,000 हो गई, जो कि अप्रैल में केवल 54,000 हजार थी. इस महामारी का सबसे बुरा असर सर्विस सेक्टर पर पड़ा. अकेले सर्विस सेक्टर में 86,000 हजार लोगों को नौकरी से हाथ गंवाना पड़ा. रिपोर्ट्स के मुताबिक मई महीने में कुल 7,92,000 लोगों के पास हफ्ते में 35 घंटे से भी कम का काम था, वहीं अप्रैल में ऐसे लोगों की संख्या 6,03,000 थी.

कोरोना प्रोटोकॉल को किया सख्त

ताइवान ने मई से ही कोरोना को लेकर अपने प्रोटोकॉल को और बढ़ा दिया है, जिससे कोरोना के प्रभाव को कम किया जा सके. पार्टियों में लोगों के मिलने की संख्या को कम किया गया है. सिनेमा, थियेटर आदि को भी बंद किया गया है. होटलों और रेस्तरां में लोगों को डाइन-इन सर्विस देने पर भी मनाही है.

ताइवान में मई से ही कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं. ताजा डेटा के मुताबिक ताइवान में कोरोना के कुल 15 हजार से अधिक मामले देखे गए हैं.

भारत में बेरोजगारी दर

भारत में बेरोजगारी को लेकर डेटा पब्लिश करने वाले प्राइवेट थिंक टैंक सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक जून में देश में बेरोजगारी की दर 9.17 फीसदी थी. जो मई में 11.90 के मुकाबले कम है. जनवरी में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी, जो कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ बढ़ने लगी थी. फिलहाल देश में कोरोना के मामलों में कमी आ रही है. पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 43,733 नए मामले पाए गए हैं.