विजय माल्या के बाद अब एक और कारोबारी पर सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, पंजाब नेशनल बैंक के 13500 करोड़ रुपए के फ्रॉड के आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है. इसकी जानकारी CBI ने दी है. हाल ही में विजय माल्या के प्रत्यर्पण की ब्रिटेन कोर्ट ने मंजूरी दी थी. अब मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने से यह दूसरी बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. इंटरपोल ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की याचिका पर मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के जारी होने के बाद भारतीय एजेंसियों के लिए मेहुल चौकसी तक पहुंचना आसान होगा.

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13,500 करोड़ रुपये के जबन का है आरोप

आपको बता दें, हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है. कुछ वक्त पहले ही भारतीय एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि मेहुल चोकसी एंटिगुआ में है और उसने वहां की नागरिकता भी ले रखी है. मेहुल चोकसी के वकील ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक विशेष अदालत में कहा था कि चोकसी यात्रा करने के लिए शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ नहीं है. इसी कारण वह एंटिगुआ से भारत आकर बयान दर्ज करवाने में सक्षम नहीं है.

सेहत के कारण भारत लौटने से इनकार

मेहुल चोकसी के वकील संजय अबॉट ने अदालत में कहा था कि चोकसी की अस्वस्थता को ध्यान में रखते हुए उसके बयान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रिकॉर्ड किया जाए या फिर ईडी के अधिकारी एंटिगुआ जाकर उनके बयान दर्ज कर सकते हैं. इस पर मुंबई में ईडी की एक अदालत मेहुल चोकसी के वकील ने कहा कि अगर यह दोनों विकल्प नहीं अपनाए जा सकते तो, उनके स्वास्थ्य में सुधार का तीन महीने तक इंतजार कीजिए. अगर चोकसी की हालत में सुधार होता है, तो वह भारत आकर अपने बयान दर्ज करा देंगे.

करीबी हो चुका है गिरफ्तार

अदालत प्रवर्तन निदेशालय के चोकसी को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित करने के अनुरोध पर सुनवाई कर रही थी. इसी साल 9 नवंबर को ईडी ने पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी के करीबी दीपक कुलकर्णी को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. कुलकर्णी हॉन्गकॉन्ग से आने वाली फ्लाइट से कोलकाता पहुंचा था और वह चोकसी की हॉन्गकॉन्ग में चल रही डमी फर्म का डायरेक्टर था. सीबीआई और ईडी ने पिछले दिनों कुलकर्णी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.

क्या है रेड कॉर्नर नोटिस?

इंटरपोल कुल मिलाकर 7 तरह के नोटिस जारी करता है. इनमें से छह नोटिस के नाम कलर के नाम पर रखे गए हैं. रेड कॉर्नर नोटिस भी इन्हीं में से एक होता है. इसके अलावा, ब्लू, ग्रीन, येलो, ब्लैक, ऑरेंज और इंटरपोल यूएन नाम से नोटिस जारी किए जाते हैं. रेड कॉर्नर नोटिस को किसी सदस्य देश के कहने पर जारी किया जाता है. इसका मकसद सभी सदस्य देशों को यह सूचना देना होता है कि आरोपी शख्स के खिलाफ उसके देश में अरेस्ट वॉरंट जारी हो चुका है. रेड कॉर्नर नोटिस इंटरनेशनल अरेस्ट वॉरंट नहीं होता क्योंकि अरेस्ट वॉरंट जारी करने का हक संबंधित देश को ही है. लेकिन मोटे तौर पर इसे इंटरनेशनल अरेस्ट वॉरंट की तरह ही लिया जाता है. इंटरपोल ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने के लिए न तो अपने अधिकारियों को भेजता है और न ही अपने सदस्य देशों में से किसी से यह डिमांड करता है कि उस शख्स को गिरफ्तार किया जाए.