7.7 Earthquake in Indonesia: इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप के पास समुद्र में 7.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसके बाद मौसम विज्ञान एजेंसी ने संभावित सुनामी का अलर्ट जारी किया है. अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के मुताबिक मंगलवार को आए भूकंप का केंद्र समुद्र में 18.5 किलोमीटर की गहराई में था और यह स्थान मउमेरे शहर से करीब 112 किलोमीटर दूर है. ईस्ट नुसा टेंग्गारा सूबे में मउमेरे दूसरा सबसे बड़ा शहर है. भूकंप से जानमाल की क्षति की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है.

सुनामी की चेतावनी जारी

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पूर्वी इंडोनेशिया में मंगलवार को 7.7 की तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. US जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया है कि भूकंप सुबह 3.20 बजे पर फ्लोर्स सागर में 18.5 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर मौमेरे शहर के लगभग 100 किलोमीटर उत्तर में आया. USGS ने बताया कि यह भूकंप देश के पूर्वी तट पर आया है, जबकि भारत पश्चिम में है, ऐसे में भारत पर इस सुनामी का असर पड़ने की आशंका कम ही है. 

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खतरनाक लहरें उठने की आशंका

पैसिफिक सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने कहा, ''भूकंप केंद्र के 1,000 किमी (600 मील) तक तटों के पास खतरनाक लहरें उठने की आशंका है.' USGS ने कहा कि लोगों के हताहत होने की आशंका कम ही है, जबकि हाल में आए भूकंपों से सुनामी और भूस्खलन जैसे खतरे उत्पन्न हो चुके हैं.

इंडोनेशिया में आम बात है भूकंप

बता दें कि इंडोनेशिया में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. यहां ज्वालामुखी विस्फोट भी आम बात है. इसका कारण इस देश की स्थिति है, क्योंकि यह प्रशांत क्षेत्र में ‘रिंग ऑफ फायर’ में आता है. रिंग ऑफ फायर वह क्षेत्र है जहां पर भूगर्भीय हलचलें काफी तेज होती हैं. यहां टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती रहती हैं. जापान से लेकर दक्षिण पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र तक इसके अंतर्गत आते हैं.

इंडोनेशिया की ही बात करें तो यहां 26 दिसंबर 2004 को एक बेहद विनाशकारी भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9.1 मापी गई थी. सुमात्रा तट पर आए इस भूकंप के कारण सुनामी की बेहद ऊंची लहरें उठीं, जिसके कारण इंडोनेशिया और आसपास के देशों में 2 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. अकेले इंडोनेशिया में ही यह आंकडा 1 लाख 70 हजार से ज्यादा था. इस सुनामी की लहरें भारत तक भी पहुंची थी और अंडमान निकोबार सहित पूर्वी तट पर भारी नुकसान हुआ था. मानव इतिहास में दर्ज यह अब तक का सबसे भीषण भूकंप था, जिसके कारण उठी सुनामी की की लहरों ने लाखों लोगों, जानवरों और वनस्पति का नुकसान किया.