International Solar Alliance New President: अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की महासभा में भारत (India) को एक बार फिर प्रेसिडेंट और फ्रांस को को-प्रेसिडेंट चुना गया है. आईएसए के महानिदेशक अजय माथुर ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि संगठन (International Solar Alliance) की पांचवीं महासभा में इन दोनों देशों को फिर से पद पर चुन लिया गया. भाषा की खबर के मुताबिक, बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह इसका अध्यक्ष पद संभालेंगे, जबकि फ्रांस की विकास और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री क्रिसूला जकारोपूलो सह-अध्यक्ष (को-प्रेसिडेंट) होंगी.

सदस्यों की संख्या 110 तक पहुंची

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खबर के मुताबिक, माथुर ने बताया कि अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ एक-एक एप्लीकेशन ही दिए गए थे.ऐसी स्थिति में भारत को फिर से सौर गठबंधन का अध्यक्ष (International Solar Alliance president) और फ्रांस को सह-अध्यक्ष चुन लिया गया. इस चुनाव के बाद अध्यक्ष पद संभालने जा रहे सिंह ने कहा कि आईएसए का बहुत तेजी से विकास हुआ है और अब इसके सदस्यों की संख्या 110 तक पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि हमें बिजली की सुविधा से वंचित करीब 70 करोड़ लोगों तक दुनिया भर में स्वच्छ स्रोतों से बिजली पहुंचानी है.

मिशन वर्ष 2030 तक निवेश बढ़ाना है टारगेट

इस मौके पर क्रिसूला ने यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया के सामने पैदा हुए ऊर्जा संकट का जिक्र करते हुए कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का तेजी से कम्बाइन करना उनका मकसद होगा. उन्होंने कहा कि यह ऊर्जा की जरूरत न होकर हमारे सदस्य देशों की ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए जरूरी है. आईएसए (International Solar Alliance) का मिशन वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में एक लाख करोड़ डॉलर की निवेश संभावनाएं पैदा करना है. इसके लिए सौर ऊर्जा की तकनीक और वित्त पोषण की लागत को कम करने पर ध्यान दिया जा रहा है.

वित्त जुटाने के लिए सौर सुविधा जल्द शुरू होगी

आईएसए (International Solar Alliance) की महासभा ने एक पेमेंट गारंटी व्यवस्था 'सौर सुविधा' को भी मंजूरी दी जिससे सौर क्षेत्र में निवेश को गति मिलने की उम्मीद है. इसके लिए दो वित्तीय घटकों- सौर भुगतान गारंटी कोष और सौर बीमा कोष का सहारा लिया जाएगा. विभिन्न क्षेत्रों से वित्त जुटाने के लिए आईएसए सौर सुविधा को जल्द ही शुरू करेगा. इसके अलावा आईएसए की महासभा ने 'सोलरएक्स ग्रांड चैलेंज' को भी मंजूरी दी. इसके माध्यम से सौर क्षेत्र में नवाचार एवं स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.