कच्चे तेल की कीमत को लेकर ओपेक (OPES) देशों की मनमानी पर लगाम लगाने की तैयारी चल रही है. भारत और चीन क्रूड ऑयल के खरीदारों का एक ब्लॉक बना सकते हैं. इस बारे में बातचीत अंतिम दौर में है और दोनों देश ऐसी व्यवस्था बनाने के बेहद करीब हैं. चीन और भारत दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े क्रूड आयातक हैं. उनके हाथ मिलने से तेल खरीदनों की मोलतोल करने की क्षमता बढ़ जाएगी. अभी क्रूड की कीमत तय करने में तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की अहम भूमिका रहती है.

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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस डील के सिलसिले में चीन के नेशनल एनर्जी एडमिनिस्ट्रेशन का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बीते सप्ताह भारत की यात्रा पर आया. समाचार पत्र मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्ताविक ऑयल बायर्स ब्लॉक मिलकर तेल आपूर्ति के बारे में मोलतोल करेगा. आने वाले समय में ये ब्लॉक तेल की कीमत तय करने में ओपेक की बादशाहत को तोड़ सकता है. 

एशिया के इन दो बड़े देशों के साथ आने से लंबे समय में एशिया के अन्य तेल आयातक देशों को भी फायदा होगा. खबर के मुताबिक खरीदारों के ब्लॉक के चलते ओपेक को एशियाई देशों से लिए जाने वाले प्रीमियम में कटौती करनी पड़ सकती है.