अमेरिका ने भारत समेत 8 देशों के ईरान से तेल खरीदने पर पाबंदी लगा दी है. यानि मई से ईरान से कच्‍चा तेल आयात नहीं हो पाएगा. इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि देश के तेलशोधक कारखानों में कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक आकस्मिक योजना बनाई गई है. अमेरिका ने पिछले साल नवंबर में ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाते समय भारत समेत कुछ देशों को दो मई तक ईरान से तेल आयात करने की छूट दी थी. मगर, अब उसने छूट की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है. 

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पेट्रोलियम मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, "भारत सरकार ने एक मजबूत योजना बनाई है ताकि मई 2019 से देश के तेल शोधक कारखानों (रिफानरी) में कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो. दुनिया के विभिन्न हिस्सों के अन्य प्रमुख तेल उत्पादक देशों से कच्चे तेल की अतिरिक्त आपूर्ति होगी."

मंत्रालय ने कहा, "देश में पेट्रोल और डीजल व अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की मांग की पूर्ति में किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए भारत के तेलशोधक कारखाने पूरी तरह तैयार हैं."

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोमवार को ईरान से तेल खरीदने में छूट की समय सीमा नहीं बढ़ाने के फैसले लिए जाने के बाद भारत सरकार की ओर से इस बाबत आश्वासन दिया गया है. अमेरिका ने भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को उसके फैसले का पालन नहीं करने पर उन पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. 

भारत अपनी खपत का 10 फीसदी तेल ईरान से खरीदता है. हालांकि अमेरिकी प्रतिबंध के बाद 2018-19 में ईरान से तेल के आयात में कमी आई है, लेकिन यह अभी भी करीब 2 करोड़ टन सालाना है. 

ईरान वाणिज्यिक दृष्टि से भी तेल का आकर्षक निर्यातक है क्योंकि वह भारत को 60 दिनों की क्रेडिट अवधि, तेल पर छूट व बीमा समेत बेहतर शर्तों की पेशकश करता है. सरकारी तेल कंपनी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमारे पास ईरान से तेल आयात के बदले अन्य विकल्प हैं. इसलिए अगले महीने से किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी."

भारत तेल की अपनी खपत की 80 फीसदी जरूरतों की पूर्ति आयात से करता है. भारत मुख्य रूप से सऊदी अरब, ईराक, ईरान, वेनेजुएला और कुछ अफ्रीकी व लैटिन अमेरिकी देशों से कच्चे तेल का आयात करता है. 

इसके अलावा भारत ने अमेरिका से भी कच्चे तेल का आयात शुरू कर दिया है. अमेरिका ने पहले ही भारत को तेल का निर्यात बढ़ाने का संकेत दिया है और भारतीय कंपनियों को तेल की बिक्री की बेहतर शर्तों की पेशकश की है. भारत ने 2017-18 में 22 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया था और 2018-19 में करीब इतना ही तेल आयात रहने की उम्मीद है.