अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभी खत्म हुआ है. नतीजे भी आ चुके हैं. जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. नया साल अमेरिका और बाइडेन के लिए नए अनुभव लेकर आने वाला है. लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप के लिए न तो चुनाव अच्छा रहा और न आने वाला साल अच्छा रहने की उम्मीद है. राष्ट्रपति की रेस में तो ट्रंप पहले ही पिछड़ चुके हैं, लेकिन असली मुश्किलें आने वाले दिनों में सामने आएंगी. दरअसल, राष्ट्रपति पद से हटते ही डोनल्ड ट्रंप पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है.

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ट्रंप पर चल सकती है आपराधिक कार्यवाही

BBC के मुताबिक, आने वाले वक्त में ट्रंप के लिए अच्छे हालात नहीं हैं. विशेषज्ञों मानते हैं कि ट्रंप के कार्यकाल में कथित घोटालों को लेकर उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है. घोटालों की जांच से पता चलता है कि राष्ट्रपति पद से हटते ही उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाएगी. दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए किसी तरह की आधाकारिक कार्यों के लिए मुकदमा नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि उनके खिलाफ भी अगर कार्यवाही होती है तो अगले साल ही मुमकिन है.

कई मामलों में चल सकता है केस

रॉयटर्स के मुताबिक, पेस यूनिवर्सिटी में कॉनस्टीच्यूशनल लॉ के प्रोफेसर बैनेट गर्शमैन ने कहा कि इस बात की संभावना है कि डोनाल्ड ट्रंप पर आपराधिक मामले चलाए जाएंगे. राष्ट्रपति ट्रंप पर बैंक धोखाधड़ी, कर धोखाधड़ी, मंडी लॉन्ड्रिंग, चुनावी धोखाधड़ी जैसे मामलों में आरोप लग सकते हैं. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ न सिर्फ आपराधिक मामले चलेंगे बल्कि उन्हें वित्तीय घाटे का भी सामना करना पड़ सकता है. इससे उन्हें निजी कर्ज और कारोबार में मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं.

ट्रंप 30 करोड़ डॉलर का कर्ज

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप पर 30 करोड़ डॉलर से ज़्यादा का कर्ज़ है, जो उन्हें अगल चार साल में चुकाना होगा.निजी निवेश बहुत अच्छी स्थिति में नहीं हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति न रहने पर लेनदार भी कर्ज के भुगतान को ट्रंप पर दबाव बना सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त आलोचकों के निशाने पर हैं. आलोचकों का मानना है कि राष्ट्रपति पद पर रहते हुए कई अपराध को अंजाम दिया है. राष्ट्रपति पद से हटते ही उनके तमाम कार्यों की रिपोर्ट सामने आ सकती है. हालांकि, ट्रंप इन्हें झूठा और साजिश करार देते हैं.

ट्रंप ने खुद को बताया बरी

ट्रंप का मानना है कि उनके कार्यकाल में लगे घोटालों के आरोप से वो पहले ही बरी हो चुके हैं. न्याय विभाग की जांच में उनके खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं हैं. हालांकि, आलोचकों का मानना है कि यह सभी जांच उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान हुईं. न्याय विभाग ने भी साफ किया कि राष्ट्रपति के खिलाफ पद पर रहते हुए आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. विशेषज्ञों ने बताया कि इन जांचों को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आधार बनाया जा सकता है.

ट्रंप के वकील भी रह चुके हैं दोषी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन के खिलाफ भी जांच हो चुकी है. साल 2018 में माइकल कोहेन को चुनावी गड़बड़ियों के लिए दोषी पाया गया था. उन पर ट्रंप के साथ अफेयर में होने का दावा करने वालीं पॉर्न एक्ट्रेस स्टॉर्मी डैनियल्स को 2016 के चुनावों में पैसे देने का आरोप लगा था. माइकल कोहेन की जांच के दौरान आधिकारिक तौर पर बताया गया था कि राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार आपराधिक गतिविधि से कथित तौर पर जुड़े हुए थे. 

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चल चुका है महाभियोग

साल 2019 में स्पेशल काउंसिल रॉबर्ट मूलर ने 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस के दखल को लेकर जांच रिपोर्ट सौंपी थी. उस रिपोर्ट में ट्रंप को क्लीन चिट दे दी गई थी. लेकिन, रिपोर्ट में ये कह गया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने जांच में बाधा डालने के प्रयास किए थे. ट्रंप ने मूलर को उनके पद से हटाने की कोशिशें भी की थीं. मूलर ने उस वक़्त न्याय में बाधा डालने के लिए अमेरिकी संसद से डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाने की सिफारिश भी की थी. लेकिन, राष्ट्रपति पर न्याय के सामान्य माध्यमों से अभियोग नहीं चलाया जा सकता है. इसलिए संसद ने ट्रंप पर महाभियोग नहीं चलाया. लेकिन, एक अलग मामले में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाया जा चुका है. 

दिसंबर 2019 में डेमोक्रेट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में ट्रंप पर अभियोग चलाया था. लेकिन, फरवरी 2020 में रिपब्लिकन्स के बहुमत वाले सीनेट ने उन्हें अपराधमुक्त कर दिया. डोनाल्ड ट्रंप तीसरे ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा.