हांफने लगा ड्रैगन, विकास की रफ्तार 10 साल में सबसे कम, जानिए भारत से कितना पीछे है चीन?
भारत में जहां आर्थिक विकास दर में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है, वहीं चीन अब हांफने लगा है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर में तीसरी तिमाही में सुस्ती आयी है. यह 10 साल की सबसे धीमी दर है.
भारत में जहां आर्थिक विकास दर में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है, वहीं चीन अब हांफने लगा है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर में तीसरी तिमाही में सुस्ती आयी है. यह 10 साल की सबसे धीमी दर है. अमेरिका के साथ व्यापार संघर्ष और बढ़ते कर्ज का चीन की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है.
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबिक, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर जुलाई-सितंबर अवधि में 6.5 प्रतिशत रही. अगर इन आंकड़ों की भारत से तुलना की जाए, तो भारत चीन से कहीं आगे हैं. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही है. इस तरह देखा जाए तो चीन की विकास दर भारत से 1.7 प्रतिशत कम है.
चीन के विकास दर का यह आंकड़ा पिछली दो तिमाहियों की तुलना में कम है. पहली तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत थी. हालांकि यह वार्षिक लक्ष्य 6.5 प्रतिशत के अनुरूप है. ब्यूरो के प्रवक्ता माओ शेंगयोंग ने कहा, "वर्तमान में चीन को 'घरेलू व वैश्विक' दोनों स्तर पर 'कठिन दौर' का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते चीन की आर्थिक वृद्धि दर सुस्त बनी हुयी है.
अमेरिका के साथ व्यापार मोर्चे पर चीन का टकराव ऐसे समय हुआ है जब चीन की अर्थव्यवस्था बढ़ते कर्ज की समस्या के साथ ऋण संकट और आधारभूत संरचना निवेश में नाकामी से जूझ रही है. सरकार इससे निकलने का प्रयास कर रही है. चीन के शेयर बाजार भी इस समय भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं और उसकी मुद्रा भी दबाव से जूझ रही है. इस साल चीन के शेयर बाजार अपने उच्चतम स्तर से करीब 30 प्रतिशत नीचे गिर चुके हैं. जानकारों के मुताबिक अमेरिका के साथ ट्रेड वार का असर चीन की अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)