भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के लैंडर विक्रम (Vikram) की खोज दोबारा शुरू करेगी. इसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ISRO की मदद कर रही है. नासा ने ISRO के साथ चंद्रमा की कुछ तस्‍वीरें शेयर की हैं, जिसमें विक्रम लैंडर होने के सुबूत हैं. NASA ने तस्‍वीरों में उन जगहों को लोकेट किया है, जहां विक्रम लैंडर की 6 और 7 सितंबर की रात हार्ड लैंडिंग हुई. रोवर प्रज्ञान अब भी लैंडर से जुड़ा है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

NASA ने यह तस्‍वीर चंद्रमा की सतह से 150 किमी दूर से ली थी. तस्‍वीरों में साफ है कि सतह पर पूरी तरह अंधेरा छाया है. नासा को उम्‍मीद है कि विक्रम इसी अंधेरे में छिपा है. नासा ने विक्रम की खोज के लिए Lunar Reconnaissance Orbiter Camera (LROC) को तैनात किया है, जिसने ये तस्‍वीरें भेजीं.

14 अक्‍टूबर से होगी शुरुआत

ISRO नासा के साथ विक्रम की खोज 14 अक्‍टूबर से दोबारा शुरू करेगा. उस दौरान चांद पर अच्‍छी रोशनी होगी. उस दौरान LROC से फिर तस्‍वीरें ली जाएंगी और संभव है कि विक्रम मिल जाए.

इसरो बेंगलुरु के पास बयालालू में अपने भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) के जरिए विक्रम के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.

7 सितंबर को हुआ हादसा

7 सितंबर को विक्रम लैंडर को चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करनी थी. इससे पहले की वह यह कर पाता उसने नियंत्रण खो दिया और वहां उसने क्रैश लैंडिग की.

इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक चंद्रमा पर रात में लैंडर को ढूंढ़ना असंभव है. वहां आने वाले भूकंप के झटके भी चिंता की बात है.