बीते कुछ समय से गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. डब्‍ल्‍यूएमओ के अनुसार उत्तरी गोलार्ध में रिकॉर्ड गर्मी से धरती झुलस रही है. पिछला महीना अगस्‍त सबसे गर्म रहा है. इन हालातों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चेतावनी दी है. यूएन महासचिव ने कहा है कि जलवायु विघटन (Climate Disruption) शुरू हो गया है. ऐसे में आगे और मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 

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दरअसल पिछले तीन महीनों के दौरान एशिया, अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लू, सूखा और जंगल की आग ने अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी तंत्र और इंसान की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाला है. सी3एस की उपनिदेशक सामंथा बर्गेस के मुताबिक अभी जो तीन महीने हमने बिताए हैं, वे लगभग 120,000 सालों में, यानी मानव इतिहास में सबसे गर्म रहे हैं. पिछला महीना अगस्‍त सबसे गर्म रहा.

इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने उत्तरी गोलार्ध में रिकॉर्ड गर्मी पर कहा कि वैज्ञानिकों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि हमारी जीवाश्म ईंधन की लत का क्या परिणाम होगा? हमारी जलवायु पृथ्‍वी के हर कोने में होने वाली मौसम की चरम घटनाओं से निपटने की तुलना में तेजी से नष्ट हो रही है. अभी-अभी हमने रिकॉर्ड गर्मी देखी है. जलवायु का क्षरण शुरू हो गया है. तेजी से बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की जरूरत है.

यूएन प्रमुख ने जलवायु समाधान के लिए अभी से प्रयास तेज करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हम अभी भी गंभीर होते हालातों को रोककर बचाव कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. बता दें कि रिकॉर्ड-उच्च वैश्विक समुद्री सतह के तापमान ने पूरी गर्मियों में हीट बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई है. उत्तरी अटलांटिक और भूमध्य सागर में समुद्री गर्मी की लहरें चलीं. सी3एस की उपनिदेशक सामंथा बर्गेस का कहना है कि सतह महासागर में हमारे पास मौजूद अतिरिक्त गर्मी को देखते हुए, ये संभावना है कि 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष हो सकता है.

 

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