दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) और इसके सहयोगियों का सालाना शिखर सम्मेलन यहां शनिवार को शुरू हुआ. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, आसियान के 10 सदस्य देशों के नेता आधिकारिक तौर पर शिखर सम्मेलन की शुरुआत के लिए अपराह्न् में एक पूरा सेशन आयोजित करेंगे. आसियान के सदस्य देशों में म्यांमार, ब्रुनेई, कंबोडिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार को बैंकॉक पहुंचे, जहां उनका शानदार स्वागत किया गया. मोदी ने ट्वीट किया, "भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और अन्य कार्यक्रमों सहित आसियान से संबंधित शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड पहुंच चुका हूं. मैं इस यात्रा के दौरान विश्व के नेताओं के साथ-साथ थाईलैंड के गतिशील भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं."

इस सम्मेलन की मेजबानी इस बार थाईलैंड कर रहा है. इस दौरान इस क्षेत्रीय समूह की वार्षिक बैठक में सुरक्षा, व्यापार, निवेश और प्रदूषण से निपटने के लिए उपाय जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे.थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा ने पिछले महीने वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को औपचारिक निमंत्रण दिया था, जो इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुरू में सहमत हुए थे.

लेकिन ट्रंप ने बाद में वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया, जो आसियान-अमेरिका शिखर सम्मेलन के साथ-साथ पूर्व एशिया फोरम में भाग लेगा. ये दोनों आयोजन 4 नवंबर को होने वाले हैं. चीन का पिछले डेढ़ साल से अमेरिका के साथ व्यापारिक विवाद चल रहा है. वह एक महत्वाकांक्षी बहुपक्षीय व्यापार समझौते के पीछे मुख्य प्रेरक शक्ति है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

 

अगर समझौते को अंतिम रूप दिया जाता है तो इसमें 3.4 अरब लोगों की आबादी (विश्व की 47 फीसदी) 22.6 खरब डॉलर (दुनिया का 32.2 फीसदी) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ शामिल होगी. यह समझौता वर्तमान विश्व व्यापार का 29 फीसदी और वैश्विक निवेश का 32.5 फीसदी होगा. आसियान की स्थापना 1967 में की गई थी. इसका उद्देश्य राजनीतिक-आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.