Afghanistan Taliban crisis: अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद भारत में इसका एक बड़ा असर ड्राई फ्रूट्स के मार्केट पर देखा जा रहा है. अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से ड्राई फ्रूट्स का इम्‍पोर्ट प्रभावित हुआ है. महज कुछ दिन के भीतर ही ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 7-12 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है. सिर्फ जम्‍मू की बात की जाए तो भाव 33 फीसदी तक उछल गए हैं. त्‍योहारी सीजन से पहले अचानक भाव में उछाल से ग्राहक और कारोबारी दोनों परेशान हैं. कारोबारियों का कहना है कि रक्षाबंधन से पहले और बारिश में सूखे मेवे की डिमांड बढ़ती है, लेकिन उस अनुपात में सप्‍लाई नहीं हो पा रही है, जिसके चलते दाम तेजी से बढ़ रहे हैं.  

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव से पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट्स की आवक पर असर पड़ा है. जिसके चलते देश के थोक और खुदरा बाज़ारों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में तेजी आई है. एक हफ्ते के अंदर ही दाम 200-250 रुपये प्रति किलो बढ़े हैं. ड्राई फ्रूट रिटेलर्स एसोसिएशन जम्मू के अध्यक्ष ज्योति गुप्ता का कहना है कि 15-20 दिन से कोई माल नहीं आ रहा है. रक्षाबंधन आ रहा है और बरसात का मौसम भी है इसलिए सूखे फलों की मांग और बढ़ गई है.

दिल्‍ली में 10 फीसदी तक बढ़े दाम

दिल्ली के थोक और खुदरा बाजारों में भी कीमत बढ़ी है. इंडो- अफगान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कमलजीत बजाज ने बताया कि सप्‍लाई रुकने का असर कीमतों पर आया है. फिलहाल दिल्ली और आसपास के इलाकों में दाम 5-10 फीसदी दाम बढ़ गए हैं. अगर ये स्थिति कुछ दिन और रहती है तो मुश्किल हो सकती है. ऐसे में सरकार को दखल देने की जरूरत है. रक्षाबन्धन के मौके पर खरीदारी करने आए ग्राहक भी दामों में बढ़ोतरी से हैरान हैं.

किस ड्राई फूट्स के कितने बढ़े दाम (जम्‍मू में) 

ड्राई फूट्स     कीमत (पहले)     कीमत (अब) 

बादामी           600/KG             Rs 800/Kg

मुनक्का         550/KG              750/kg

अंजीर           800/kg               1000/Kg

अखरोट        400/kg                600/kg

पिस्ता           1750/kg               2000/ kg

कोविड के दौर में बढ़ी है डिमांड

कोविड महामारी के दौरान इम्‍यूनिटी बेहतर बनाने और इससे उबरने के लिए लोगों ने ड्राई फ्रूट्स का सहारा लिया. इसके चलते, ड्राई फ्रूट्स व्यापारियों की चांदी हो गई. लेकिन अब ग्राहक और व्यापारी दोनों के चेहरे पर शिकन है. आगे त्योहारी सीजन है ऐसे में सप्लाई बाधित रही और दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो इसके साथ साथ मिठाई और आयुर्वेदिक दवा की कीमतों पर भी असर हो सकता है.