Jan 22, 2024, 02:30 PM IST

Personal Loan देते वक्त Cibil ही नहीं, ये 3 रेश्यो भी चेक करते हैं बैंक

Anuj Maurya

जब कभी बात आती है पर्सनल लोन लेने की बैंक सिर्फ आपका सिबिल स्कोर चेक नहीं करता है, बल्कि 3 तरह के रेश्यो देखता है. इससे पता चलता है कि आप बैंक का पैसा चुका पाएंगे या नहीं.

किसी को भी लोन देने से पहले बैंक डेट-टू-इनकम रेश्यो जरूर चेक करता है. यह रेश्यो मंथली डेट पेमेंट और आपकी ग्रॉस सैलरी की तुलना कर के कैल्कुलेट किया जाता है. 

1- Debt-to-Income (DTI) Ratio

जितना कम DTI रेश्यो होगा, आपको लोन मिलने के चांस उतने ही अधिक होते हैं. इससे बैंक समझता है कि आपके ऊपर पहले से कितने लोन हैं और आपके हाथ में कितना पैसा बचता है.

EMI/NMI रेश्यो के जरिए बैंक इस बात का कैल्कुलेशन करता है कि आपकी नेट मंथली इनकम का कितना हिस्सा मौजूदा ईएमआई और प्रस्तावित लोन की ईएमआई पर खर्च होगा.

2- EMI/NMI Ratio

अगर आपकी EMI/NMI 50-55 फीसदी तक है, तब तो ठीक है, लेकिन उससे अधिक रेश्यो होने पर बैंक आपको लोन देने से कतराने लगते हैं या अक्सर अधिक ब्याज दर चार्ज करते हैं.

इस रेश्यो का कैल्कुलेशन खासतौर पर हाउसिंग लोन के मामले में किया जाता है. इस रेश्यो की मदद से रिस्क को समझना आसान हो जाता है.

3- Loan-to-Value Ratio (LTV)

LTV रेश्यो दिखाता है कि आपके लोन की असेट या कोलेट्रल की तुलना में कितनी वैल्यू है. इससे लोन को सिक्योर करने में मदद मिलती है.