Dec 17, 2023, 02:09 PM IST
जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की बुवाई नहीं की है वो अब अगेती किस्मों का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें. अब वो हर हाल में 25 दिसंबर तक गेहूं की पछेती किस्मों की बुवाई कर लें वरना पैदावार अच्छी नहीं होगी
देरी होने पर गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को पछेती गेहूं की बेहतरीन किस्मों की बुवाई करनी चाहिए ताकि उपज पर कोई असर न पड़े
गेहूं की पछेती किस्मों में नरेन्द्र गेहूं-1076, राज-3765, पी.बी.डब्लू.-373, के.-9162, यू.पी.-2425, डी.बी.डब्लू.-14 डी.बी.डब्लू.-16, के.-9423, पी.बी.डब्लू.-590 शामिल हैं. किसान इन किस्मों की ही बुवाई करें
पछेती किस्म की बुवाई के लिए 55 से 60 किग्रा बीज प्रति एकड़ इस्तेमाल करना चाहिए. पछेती किस्मों की बुवाई से पहले बीजों उपचारित करना बेहद जरूरी है
गेहूं की बुवई सीडड्रिल से करने पर उर्वरक और बीज की बचत की जा सकती है. बुवाई में 15 सेमी से 18 सेमी की दूरी और गहराई 4 सेमी रखें
बुवाई से पहले गली सड़ी गोबर की खाद प्रति एकड़ डालें. इसके साथ ही बुवाई के समय 50 किग्रा डीएपी या 75 किग्रा एनपीके 12:32:16 और 45 किग्रा यूरिया व 10 किग्रा जिंक सल्फेट 21% डाल दें
गेहूं की पछेती बुवाई में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए इसकी सही समय पर सिंचाई करना जरूरी है. पहली सिंचाई 4 हफ्ते बाद करनी चाहिए
गेहूं में पीला रतुआ रोग की रोकथाम के लिए करीब 200 मिलीलीटर प्रापिकानाजोल 25 ईसी दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़क दें