Sep 25, 2023, 04:20 PM IST

सर्दियों में कमाई कराएगी ये फसल, अभी कर लें बुवाई

Sanjeet Kumar

रसभरी या गूज़बेरी एक नकदी फसल है. यह उत्तर भारत में रबी के मौसम में उगायी जाने वाली फसल है

रसभरी खाने में रसीली होने होती है.  इसमें प्रोटीन, विटामिन A, विटामिन C, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, कार्बोहाइट्रेट जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं

रसभरी एक खट्‌टा-मीठा रसीला फल है.  इससे जैम, सॉस, जैली आदि प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं

रसभरी की खेती यूं तो किसी भी तरह की मिट्टी में हो जाती है. लेकिन इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे बढ़िया रहती है

बलुई दोमट मिट्टी बेस्ट

इसकी खेती के लिए न्यूनतम 5 डिग्री और अधिकमत 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता है, लेकिन 21 डिग्री सेल्सियस के तापमान खेती के लिए बेहतर है

रसभरी की उन्नत खेती के लिए हेटमैन, इनकॉप्लम, लेडी मडोना आदि प्रमुख किस्में हैं. अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में इसकी बुवाई की जाती है

किस्में

रसभरी कम क्षेत्र में उगाई जाने वाली है. इसे बागों के बीच में लगाया जा सकता है. रसभरी का उत्पादन 4-6 टन प्रति हेक्टेयर हो सकता है

कितना उत्पादन

एक हेक्टेयर एरिया में रसभरी की खेती के लिए 200 से 250 ग्राम बीज ही काफी होते हैं 

रसभरी की खेती में कम लागत आती है. बाजार में इसका भाव 100 रुपये किलो तक मिल जाता है. ऐसे में इसकी खेती फायदेमंद साबित हो सकती है

खेती फायदेमंद